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नवादा में लोक अदालत ने ऐसे रच दिया इतिहास, न्याय के लिए 20 सालों से अदालत का चक्कर लगा रहे लोगों को मिल गया न्याय, पढ़ें पूरी खबर 

जिला जज ने कहा लोक अदालत एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां मुकदमों के पक्षकार को आपसी समझौता के लिये अवसर करता है प्रदान 
डीएम ने कहा इस अदालत से मुकदमों के निपटारा किये जाने से अदालत में मुकदमों को घटता है बोझ 
राष्ट्रीय लोक अदालत में 1057 मामलों का हुआ निष्पादन, जिला जज, डीएम व एसपी ने संयुक्त रुप से राष्ट्रीय लोक अदालत का किया उद्घाटन
Report by Nawada News Xpress 
नवादा / सूरज कुमार

नवादा में राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक ऐसा समझौता के आधार पर मामले का निष्पादन कराया कि इतिहास के पन्नों पर एक नया अध्याय जुड़ गया। जिसमें 20 वर्षों से न्याय के लिए अदालत का चक्कर लगा रहे दो लोगों को समझौता के आधार पर न्याय मिल गया। यह समझौता पूरे न्यायालय परिसर में चर्चा का विषय बन गया।

व्यवहार न्यायालय में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाया गया, जिसका उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज आशुतोष कुमार झा, उपाध्यक्ष सह जिला पदाधिकारी आशुतोष कुमार वर्मा, सदस्य सह पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल एवं परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रोहित शंकर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर जिला जज ने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां मुकदमों के पक्षकार को आपसी समझौता के लिये अवसर प्रदान करता है।

मामले के पक्षकारों को समझाने के लिये सभी बेंच पर न्यायिक पदाधिकरी के अलावा एक अधिवक्ता रहते हैं। इस अदालत का मुख्य उद्देश्य यह है कि अदालत पहुंचने वाले पक्षकार खुशी-खुशी मामले का आपसी सुलह समझौता कराकर बिना खर्च के ही घर लौट जायें। वहीं जिला पदाधिकारी ने कहा कि इस अदालत से मुकदमों के निपटारा किये जाने से अदालत में मुकदमों का बोझ घटता है। जिला प्रशासन इस अदालत की सफलता के लिये सदा तत्पर है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस प्रशासन पक्षकारों को नोटिस तामिल कराती है तथा पक्षकारों को समझौता करने के लिये प्रेरित करती है।

मंच का संचालन पीएलभी चन्द्रमौली शर्मा ने किया। इस अवसर पर डीडीसी दीपक मिश्रा भी मौजूद रहे। वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुमारी सरोज कृति ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के संचालन में न्यायिक पदाधिकारी उपेन्द्र कुमार, सुभाष चन्द्र शर्मा, अशुतोष राय, देशमुख, विवेक विशाल, आशीष रंजन, सुस्मिता कुमारी, धीरेन्द्र कुमार पांडेय, सिया श्रुति, प्रतीक सागर, अनामिका कुमारी, देवव्रत कुमार, अनीता कुमारी, आदित्या आनंद, कमरूजमां तथा निखिल कुमार की अहम भूमिका रही, जिन्होंने पक्षकारों को सही तथ्यों की जानकारी देते हुए समझौता कराया।

शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1057 मामलो का निपटारा आपसी समझौता के आधार पर किया गया। जानकारी देते हुए प्राधिकार के सचिव कुमारी सरोज कृति ने बताया कि आयोजित लोक अदालत के माध्यम से व्यवहार न्यायालय में लम्बित 306 मामलों को आपसी समझौता के आधार पर निपटाया गया। वहीं विभिन्न बैंको ने 746 ऋणियों के साथ समझौता किया। विभिन्न बैंकों ने आयोजित अदालत में ऋणियों के साथ समझौता कर एक करोड़ 28 लाख 76 हजार 923 रूपये प्राप्त किया। जबकि, परिवार न्यायालय के एक, बीएसएनएल के 5, वन अधिनियम के 11, बाल श्रम अधिनियम के 5, मापतौल के 3 तथा मोटर दुर्घटना दावा वाद के 26 मामलों को आपसी समझौता के आधार पर निपटारा किया गया।

क्या कहते है पक्षकार
न्याय के लिए 20 सालों से अदालत का चक्कर लगा रहे दो लोगों ने अंततः मामलों को आपसी समझौता के आधार पर निपटा लिया। समझौता के बाद दोनोे पक्ष ने कहा कि आज मानसिक शांति मिली है। छोटे से विवाद को लेकर मुकदमा तो दर्ज करा दिया था, किन्तु न्याय आज मिला जब दोनो पक्ष ने आपसी सहमति से मामलों में समझौता कर लिया। नगर थाना कांड संख्या-106/2004 के सूचक इस्लाम नगर निवासी मो फिरोज ने कहा कि बीते 20 साल से अदालत का चक्कर लगा रहे थे। आज समझौता कर राहत की सांस ली है।

फिरोज ने कहा विपक्षी मो शहनवाज, मो इम्तियाज तथा मो मिनाज के साथ समझौता कर लिया, अब कोई मतभेद नही रहा। वहीं नवादा थाना कांड संख्या-127/2004 के सूचक नगर थाना क्षेत्र के गोेंदापुर मुहल्ला निवासी गुड़िया खातुन ने मो शमीम, मो कमरू उद्दीन व मो अदील से समझैता कर काफी शकुन महसुस कर रही हूं, अब विपक्षी के साथ कोई मनमोटाव नहीं रहा है। न्यायिक दंडाधिकारी अनामिका कुमारी ने 12 साल पूर्व दर्ज नगर थाना कांड कांड संख्या-407/13 के मामले का निपटारा आपसी समझौता के आधार पर किया। वहीं न्यायिक प्रतीक सागर ने ने 20 वर्ष पुराने मामला नारदीगंज थाना कांड संख्या- 56/2004 के मामले को समझौता के आधार पर निस्पादित किया।

न्यायिक दंडाधिकारी अनीता कुमारी ने भी प्रयास के बाद 18 साल पुराना वारिसलीगंज थाना कांड संख्या-4/2006 तथा हिसुआ थाना कांड संख्या-11/06 के पक्षकारों के बीच आपसी समझौता कराकर मामले को निष्पादित कर दिया। जबकि, न्यायिक दंडाधिकारी सिया श्रुति ने 10 वर्ष पुराने परिवाद पत्र संख्या-780/07 को आपसी समझौता के आधार निष्पादित किया। वहीं परिवादी जलील मियां के देहांत उपरांत परिवादी के पुत्र मो रहमत ने कांड के जिवित अभिंयुक्त सोनका देवी व राजेन्द्र यादव के साथ समझौता कर मामले का निपटारा किया। सिया श्रुति न्यायिक दंडाधिकारी ने हिसुआ थाना कांड संख्या-54/12 के सूचक अनिल यादव को कांड के आरोपी मनोज मंडल एवं अन्य के साथ समझौता कराकर वाद का निस्पादन करवा दिया।  

क्या कहते हैं सूचक
नगर थाना कांड संख्या-407/13 के सूचक नगर के गोपाल नगर मुहल्ला निवासी सुशील प्रसाद वर्मा ने कहा कि किसी भी विवाद का निराकरण समझौता ही है। समझौता से प्रेमभाव बना रहता है तथा मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। वहीं नारदीगंज थाना कांड संख्या- 56/04 के सूचक सीतामढी थाना क्षेत्र के रसलपुरा निवासी शशि भूषण प्रसाद सिंह ने कहा कि छोटे-छोटे विवाद का निराकरण समझौता ही है। हिसुआ थाना कांड संख्या-54/12 के सूचक अनिल यादव ने कहा कि आज ही वास्तविक न्याय मिला है। लोग आवेश में आकर छोटे-छोटे मामले में मुकदमा दर्ज करा तो देते हैं, लेकिन इसका निराकरण अंत में समझौता से ही होता है। 

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