भारत बंद के दौरान हुई हिसुआ के मंझवे में हुई मारपीट में छह लोग घायल, तीन रेफर, वारिसलीगंज में भी हुई तोड़फोड़ की घटना, पढ़ें पूरी खबर
यादव समुदाय और महादलित समुदाय में हुई जमकर मारपीट, वाहन रोके जाने को लेकर हुई विवाद, दोनों पक्षों ने दर्ज कराया प्राथमिकी
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार

नवादा जिले के हिसुआ थाना क्षेत्र अंतर्गत मंझवे बाजार में भारत बंद के दौरान जमकर मारपीट की घटना हुई। वहीं वारिसलीगंज बाजार में भी बंद के दौरान दुकानों में तोड़फोड़ की घटना सामने आया। बुधवार को एससी-एसटी संगठनों के द्वारा आरक्षण में क्रीमी लेयर के खिलाफ

भारत बंद के दौरान हिसुआ थाना क्षेत्र के मंझवे बाजार में यादव समुदाय के युवक एवं बंद समर्थक महादलित समुदाय के युवकों के बीच जमकर मारपीट की घटन हुई, जिसमें आधा दर्जन लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए, इस घटना में तीन लोगों की स्थिति गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया है।

घटना के संबंध में प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि बंद समर्थकों के द्वारा वाहनों के आवागमन ठप किये जाने को लेकर यादव समुदाय के युवकों के द्वारा विरोध किया गया, जिसके कारण बात बढ़ते-बढ़ते मारपीट तक पहुंच गई और दोनों पक्षों की ओर से जमकर मारपीट शुरू हो गई।

हालांकि, हिसुआ पुलिस को आते देख सभी उपद्रवी भाग खड़े हुए। इस घटना में मंझवे गांव निवासी लखन राजवंशी का पुत्र कारू राजवंशी, अशोक यादव का पुत्र विकास कुमार, जागेश्वर प्रसाद का पुत्र सत्येंद्र प्रसाद, नारायण यादव का पुत्र मनीष कुमार, रामबालक यादव का पुत्र नारायण यादव तथा

नारायण यादव के पुत्र सचिन कुमार बुरी तरह से घायल हो गए। तीन घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए हिसुआ पीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। घटना के संबंध में दोनों ओर से हिसुआ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

वहीं दूसरी ओर वारिसलीगंज बाजार में भारत बंद के दौरान बल पूर्वक दुकानें बंद करवाने के क्रम में कई जगहों पर तोड़फोड़ की सूचना मिली। गुमटी रोड में अमित किराना दुकान को बल पूर्वक बंद करवाने के दौरान बंद समर्थकों द्वारा दुकान में तोड़फोड़ किया गया।

दुकानदार ने बताया कि 12 से 15 हज़ार रुपये का नुकसान किया गया। वहीं मेन रोड स्थित पतंजलि शॉप में सामानों को इधर-उधर फेंक देने का आरोप दुकानदार ने लगाया। सड़क किनारे नास्ता का ठेला लगा रखा ज्ञानी पासवान का तेल भरा कड़ाही को फेंक कर अन्य सामानों को नष्ट कर दिया गया।

बावजूद, जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंडों तक बंद शांतिपूर्ण रहा। बता दें कि नवादा मुख्यालय से लेकर प्रखंडों व रेलवे स्टेशनों तक सुरक्षा का सख्त इंतजाम किया गया था। फिर भी बंद समर्थकों का आक्रोश देखते बन रहा था।


