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जानें बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की 137वीं जयंती पर क्यों हुआ भव्य आयोजन, डॉ अनुज ने खोल दी सबकी आंखे, पढ़ें पूरी खबर 

नारदीगंज में मॉडर्न शैक्षणिक समूह के अध्यक्ष शिक्षाविद व समाजसेवी डॉ अनुज सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुआ भव्य समारोह, डॉ अनुज ने कहा श्री बाबू ने किया आधुनिक बिहार का निर्माण

Report by Nawada News Xpress 

नवादा / सूरज कुमार 

नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड बिहार केसरी एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की 137वीं जयंती समारोह आयोजित कर मनाई गई। इस समारोह की अध्यक्षता नवादा जिले के प्रसिद्ध समाज सेवी, शिक्षाविद एवं मॉडर्न शैक्षणिक समूह के अध्यक्ष डॉ अनुज सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में नारदीगंज प्रखंड के विभिन्न पंचायतों से लगभग 500 लोगों ने शिरकत किया।

कार्यक्रम का संचालन का कार्य प्रसिद्ध समाजसेवी अनिल कुमार के द्वारा किया गया। सर्वप्रथम श्री बाबू के तैलीय चित्र पर डॉ अनुज सिंह के द्वारा माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत शुरुआत की गई। इस अवसर पर उन्होंने ने कहा कि नवादा जिले के गौरव की बात है कि श्री बाबू का जन्म इसी जिले में हुआ है। बिहार के निर्माण और राजनीतिक निर्णय लेने में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की बड़ी भूमिका रही है।

उन्होंने जमींदारी प्रथा का उन्मूलन और लैंड सीलिंग जैसे बड़े और साहसिक कार्य किए थे। उन्होंने बड़े-बड़े कल कारखाने के द्वारा बिहार का आधुनिक निर्माण किया था। डॉ अनुज ने कहा कि अब तक उनको भारत रत्न नहीं दिया जाना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि श्री बाबू को बहुत पहले भारत रत्न मिल जाना चाहिए था। इस अवसर पर अनिल कुमार ने कहा कि श्री बाबू किसानों एवं गरीबों के मुखर नेता थे।

उनके कार्यकाल में बिहार को एक नई दिशा मिली थी। बिहार  को आगे ले जाने एवं कल कारखाने लगाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है। वे एक ऐसे नेता थे जो सबको साथ लेकर चलते थे। इस कार्यक्रम में नारदीगंज प्रखंड के सभी वक्ताओं ने भी अपना विचार रखा। इसमें नारदीगंज उच्च विद्यालय के पूर्व प्राचार्य श्रीकांत सिंह, बिक्कू के सेवानिवृत शिक्षक सुरेश प्रसाद सिंह, कोशला पंचायत के पूर्व मुखिया रविंद्र सिंह, ननौरा पंचायत के मुखिया प्रदीप सिंह एवं

सरपंच मो बारीक, हंडिया के अधिवक्ता अरविंद कुमार तथा कहुआरा के प्रो डॉ राजकुमार सिंह सहित तमाम वक्ताओं ने महान राजनेता श्रीकृष्ण सिंह को याद किया। बिहार के पहले सीएम को पूरे राज्य में बेहद सम्मान मिलता है। इसकी वजह यह है कि वे एक राजनेता के तौर पर लोकतांत्रिक मूल्यों को बखूबी पालन किया।

चंद्रिका सिंह ने बताया कि आज की राजनीति में राजनेताओं का भ्रष्ट होना सबसे बड़ी बुराई बन गई है। ऐसे में श्रीकृष्ण सिंह को याद किए जाने की जरूरत है। इस अवसर पर डॉ अनुज ने कहा कि श्रीकृष्ण सिंह के महज 10 साल के कार्यकाल में बिहार में जो उद्योग, कृषि, शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य, कला व सामाजिक क्षेत्र में कई कार्य हुये हैं, वह आज देखने को नहीं मिल रहा है।

उन्होंने आह्वान किया कि आधुनिक बिहार के निर्माता डॉ श्री बाबू हैं, इसलिए हमें उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि बिहार केसरी डॉ श्री कृष्ण सिंह के कार्यों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। बिहार के जातिवादी संगठनों को विचार करने की जरूरत है। श्री बाबू की सोच दलित, पिछड़ा किसान, नौजवान, अमीर, गरीब सब के प्रति एक जैसी थी।

उन्होंने कहा कि आज हमें उनके आदर्शों पर चलने की जरूरत है। श्री बाबू किसी जाति एवं धर्म के नेता नहीं थे, बल्कि सर्व समाज के नेता थे। उन्होंने कहा कि उनके आदर्शो पर चलने से ही बिहार और समाज का कल्याण संभव है। इस दौरान बैठक में राजनीतिक चर्चाएं भी हुई जिसमें सभी का एक मत दिखने को मिला।

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