नवादा व्यवहार न्यायालय ने पत्नी की हत्या के आरोप में पति को सुनाया सात वर्ष का कारावास व देवर को किया आरोप मुक्त
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
नवादा व्यवहार न्यायालय में हत्या के मामले में एक ऐसा फैसला सामने आया है, जिसमें आरोपी सजा का लगभग अवधि काट चूका है। घटना के बाद करीब सात सालों से आरोपी जेल में ही बंद था।

न्यायालय में कार्रवाई की प्रक्रिया जब तक पूरा हुआ, तब तक आरोपी का सजा भी पूरा होने को है। दरअसल, दहेज के लिए पत्नी की हत्या के आरोपी पति को नवादा व्यवहार न्यायालय ने 7 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है,

लेकिन सजा का फैसला उस वक्त आया जब आरोपी सात साल सजा की अवधि को पूरा करने के कगार पर है। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुभाष चन्द्र शर्मा ने शुक्रवार को यह सजा नारदीगंज निवासी संजय सिंह को सुनाया है।

जबकि कांड के सह अभियुक्त देवर को आरोप मुक्त कर दिया गया है। मामला नारदीगंज थाना कांड से जुड़ा है। अपर लोक अभियोजक मो मिसवाह रसूल ने अदालत में अभियोजन पक्ष रखा।

जानकारी के अनुसार अभियुक्त संजय सिंह की शादी वर्ष 2014 में कौआकोल थाना क्षेत्र के सेखोदेवरा निवासी डौली सिंह के साथ हुई थी। शादी के बाद दहेज के रूप में 50 हजार रूपये की मांग ससुराल वालों ने किया था।

मांग को पूरा नहीं किये जाने पर पति साहित ससुराल वाले उसे प्रताड़ित किया करते थे। 15 मई 2017 को विवाहिता डौली के छत से गिरने की सूचना पर डौली की माता जब नारदीगंज पहुंची तो पुत्री डौली को मृत पाया।

मृतक की माता मालती देवी ने दामाद सहित अन्य लोगों पर दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए नारदीगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी। पुलिस ने घटना के चिन्हित गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया,

जिसके द्वारा दिये गए बयान के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी पति संजय सिंह को सात वर्ष का कारवास की सजा सुनाया तथा मृतक के देवर को साक्ष्य के अभाव में आरोप मुक्त कर दिया गया।

बता दें कि सजा पाने वाले अभियुक्त व मृतका के पति संजय सिंह 26 जुलाई 2017 से लगातार जेल में बंद है।

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