ककोलत जलप्रपात और हरदिया डैम का लिया जायजा, कहा यहां इको टूरिज्म व जल संरक्षण की है असीम संभावनाएं, मंत्री ने वानिकी किसान, जीविका दीदी और पर्यावरण मित्रों के साथ किया बैठक, हरित बिहार के संकल्प को साकार करने में सक्रिय भूमिका निभाने का दिया नसीहत
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार

नवादा पहुंचे बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने गुरूवार को जिला अतिथि गृह में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि बिहार में इको टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं, जिन्हें सरकार सुनियोजित ढंग से आगे बढ़ा रही है। प्रतिदिन 8 हजार से अधिक पर्यटक ककोलत जलप्रपात पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने नवादा में ककोलत जलप्रपात और रजौली के हरदिया डैम का जायजा लिया है, जहां एक तरफ लोगों को शीतल जलप्रपात का लाभ मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर हरदिया डैम में जल संचय का बड़ा श्रोत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 के पहले बिहार में मात्र 7 प्रतिशत ही वन क्षेत्र हुआ करता था।

वहीं 2024 में वन क्षेत्र बढ़कर 12.55 प्रतिशत हो गया और हरित क्षेत्र 2.5 प्रतिशत हो गया है, यानि कुल वन क्षेत्र 15.5 प्रतिशत हो गया है।उन्होंने कहा कि इसे बढाकर 2027 तक 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य है, जो बिहार सरकार की बड़ी उपलब्धी है, जिन्हें सरकार सुनियोजित ढंग से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि हाल के आंकड़ों के अनुसार, राजगीर और बोधगया जैसे ऐतिहासिक व प्राकृतिक स्थलों पर गोवा से भी अधिक पर्यटक पहुंचे हैं, जो राज्य के इको टूरिज्म विकास की दिशा में एक अहम संकेत है। उन्होंने कहा कि अब समय है कि बिहार के अनडिस्कवर लोकेशन को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई जाए।

सड़क निर्माण में काटे गये पेड़ को नहीं लगाने वाले विभाग पर होगी कार्रवाई
फोर लाईन या टू लाईन जो भी सड़क बना है अलग-अलग विभागों से उसके एग्रिमेंट में एक पार्ट होता है, जिसमें 20 मीटर या 30 मीटर पर पेड़ लगाना होता है। जितना पेड़ काटा गया है उसके ऐवज में तथा उसके अतिरिक्त पेड़ लगाना होता है। अभी हमारी विभाग ग्रामीण विभाग से, ग्रामीण कार्य विभाग से और पीडब्ल्यूडी से समीक्षा कर रही है।

इन तीनों से समीक्षा समन्वय बैठक की जा रही है, उसमें जो भी रोड बना रहे हैं उसके ऐवज में पौधा रोपण क्या हो रहा है, इसकी मैं खुद समीक्षा कर रहा हूं। यदि इसमें विभाग या विभाग के पदाधिकारी दोषी हैं तो उनपर कार्रवाई करने की अनुशंसा निश्चित तौर पर हमारे विभाग द्वारा अन्य विभाग के मंत्रियों द्वारा किया जायगा।

वानिकी किसान, जीविका दीदी और पर्यावरण मित्रों के साथ मंत्री ने की बैठक
जिला अतिथिगृह में वानिकी किसान, जीविका दीदी और पर्यावरण मित्रों के साथ मंत्री ने बैठक कर उनकी समस्यों को सुना और उसके समाधान का प्रयास किया। इस संवादात्मक सत्र में मंत्री ने सभी से हरित बिहार के संकल्प को साकार करने में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। मंत्री डॉ कुमार ने वानिकी किसान, जीविका दीदी और पर्यावरण मित्रों के समर्पित प्रयासों की खुलकर सराहना करते हुए कहा कि इनके सतत प्रयासों से भी हरित बिहार का सपना साकार करने में मदद मिल रही है।

उन्होंने सभी हितधारकों को यह आश्वसन दिया कि राज्य सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और उनके सामने आने वाली समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। डॉ कुमार ने यह भी कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी दायित्व नहीं, बल्कि जनभागीदारी से ही संभव है, और इस दिशा में इन जमीनी कार्यकर्ताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील किया कि वे हर रविवार को पौधारोपण संकल्प दिवस के रूप में मनाएं और पर्यावरण की रक्षा में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पौधा न केवल पृथ्वी की ऑक्सीजन है, बल्कि अगली पीढ़ी के लिए एक सुरक्षित भविष्य भी है। बैठक के दौरान डीएफओ शशिकांत ने मंत्री को विभाग द्वारा उत्पादित स्थानीय वन उत्पादों और हस्तनिर्मित सामग्री भेंट की, जिसमें वन क्षेत्र की समृद्धता और टिकाउ आजीविका के प्रयासों का परिचय शामिल था। मौके पर गया अंचल के वन संरक्षक ए सुधाकर आदि मौजूद थे।
