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नवादा के किस निजी क्लीनिक में प्रसूति की मौत मामले में फंस गए सरकारी डॉक्टर, दर्ज हुआ दो एफआईआर, सरकारी डाॅक्टर सहित दस गिरफ्तार, पढ़ें पूरी खबर 

ग्रामीण क्षेत्रों में निजी अस्पताल दलालों के बदौलत मरीजों की जिंदगी से कर रहा खिलवाड़, घटना वाला अस्पताल पाया गया फर्जी 

Report by Nawada News Xpress 

नवादा / सूरज कुमार  

नवादा जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के निजी अस्पताल दलालों के बदौलत मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब एक प्रसूता की मौत निजी अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही से होने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया।

दरअसल, पकरीबरावां बाजार स्थित पटना क्लीनिक में बुधवार को थाना क्षेत्र के एरुरी गांव के मनीष कुमार मांझी की पत्नी शोभा देवी की मौत मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक पक्ष से मृतका के भाई नागा मांझी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है, तो दूसरी ओर से चौकीदार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

इस मामले में पुलिस ने डॉ पंकज कुमार, आदित्य रंजन, हिसुआ की श्वेता कुमारी, बाजितपुर के शशिकांत उर्फ सन्नी कुमार तथा एम्बुलेंस चालक गौतम को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि गिरफ्तार डॉ पंकज अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कौआकोल के प्रभारी हैं।

वहीं दूसरी ओर चौकीदार के बयान पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर क्लीनिक में तोड़फोड़ करने एवं हल्ला हंगामा करने के आरोप में एरुरी गांव के उपेन्द्र मांझी, मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सिंघौल गांव के छोटू मांझी एवं कादिरगंज थाना के ओहारी गांव के नागा मांझी, इन्द्र मांझी तथा राजेन्द्र मांझी को गिरफ्तार किया गया है।

एक पक्ष से मृतका के भाई नागा मांझी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। वहीं दूसरे पक्ष से चौकीदार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। सभी गिरफ्तार आरोपियों को गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। इस कार्रवाई से अवैध रूप से संचालित होने वाले नर्सिंग होम में हड़कंप मच गया है।

वहीं पुलिस मीडिया ग्रुप में जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि इस घटना के सत्यापन को लेकर वरीय पदाधिकारी के आदेशानुसार एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया, जिनके द्वारा सभी बिंदुओं पर जांच कर अस्पताल के डॉक्टर एवं कर्मी को फर्जी बताया गया है।

गौरतलब हो कि जिले में ऐसे दर्जनों अवैध अस्पताल व क्लिनिक संचालित हैं जो चंद रुपयों के लिए इंसान की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। बताया जाता है कि ऐसे फर्जी अस्पताल व क्लिनिक स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से संचालित हो रहा है। फिलवक्त इस कार्रवाई से ऐसे अवैध स्वास्थ्य केंद्रों में हड़कंप मच गया है।

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