निर्वाचक नामावली में नाम होना अनिवार्य, केवल पहचान पत्र से नहीं मिलेगा वोट का अधिकार, ‘पर्दानशीन’ महिलाओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था भी सुनिश्चित
Report by Nawada News Xpress / नवादा / सूरज कुमार

बिहार विधानसभा आम निर्वाचन के मद्देनज़र भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। जिन मतदाताओं के नाम निर्वाचक नामावली में दर्ज हैं, लेकिन वे मतदान के दिन अपना मतदाता पहचान पत्र (EPIC) प्रस्तुत करने में असमर्थ होंगे, वे 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से किसी एक को प्रस्तुत कर मतदान कर सकेंगे। राज्य में लगभग 100 प्रतिशत मतदाताओं को EPIC पहले ही जारी किए जा चुके हैं। साथ ही आयोग ने निर्देश दिया है कि अंतिम निर्वाचक नामावली के प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर सभी नए मतदाताओं को भी EPIC वितरित कर दिया जाए।

ये 12 वैकल्पिक पहचान पत्र मान्य होंगे:
1. आधार कार्ड
2. मनरेगा जॉब कार्ड
3. बैंक / डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक
4. श्रम मंत्रालय / आयुष्मान भारत योजना के तहत जारी हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड
5. ड्राइविंग लाइसेंस
6. पैन कार्ड

7. एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
8. भारतीय पासपोर्ट
9. फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज
10. केन्द्र / राज्य सरकार / सार्वजनिक उपक्रम / सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों के कर्मचारियों को जारी सेवा पहचान पत्र
11. सांसद / विधायक / विधान परिषद सदस्य को जारी आधिकारिक पहचान पत्र
12. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (UDID) कार्ड
क्या है महत्वपूर्ण निर्देश:
मतदान के लिए निर्वाचक नामावली में नाम का दर्ज होना अनिवार्य है। केवल पहचान पत्र प्रस्तुत करने से मतदान का अधिकार नहीं मिलेगा, यदि नाम सूची में नहीं है।

‘पर्दानशीन’ महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था:
पर्दा ओढ़ने वाली महिलाओं की सुविधा और गरिमा की रक्षा के लिए मतदान केंद्रों पर विशेष व्यवस्था की जाएगी। उनकी पहचान महिला मतदान कर्मियों या परिचारिकाओं की उपस्थिति में गोपनीय तरीके से सत्यापित की जाएगी। आयोग की यह पहल मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने और निर्बाध मतदान सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।


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