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नवादा व्यवहार न्यायालय के एक अदालत ने सिरदला थानाध्यक्ष के वेतन से क्यों चार हजार रूपये काटने का दिया आदेश, पढ़ें पूरी खबर

किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी ने सिरदला थानाध्यक्ष के वेतन से राशि काटने व राशि को बिहार किशोर नीधि के खाता में जमा करने का दिया आदेश

Report by Nawada News Xpress

नवादा / सूरज कुमार

नवादा व्यवहार न्यायालय के एक अदालत ने सिरदला थानाध्यक्ष के वेतन से चार हजार रूपये काटने का निर्देश दिया है। किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी आशीष रंजन ने यह आदेश पारित करते हुए सिरदला थानाध्यक्ष सह केस के अनुसंधानकर्त्ता संजीत राम के द्वारा अंतिम प्रपत्र न्यायालय में समर्पित नहीं किए जाने से नाराज होकर यह आदेश जारी किया है। अदालत ने अनुसंधानकर्ता से जानना चाहा कि किशोर क्या पूर्व में भी अपराध से जु्डे़ हुए हैं या इनका यह प्रथम अपराध है या किस कारणवश यह अपराध करने में संलग्न हैं, आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक रिपोर्ट मांगी गई थी,

परंतु अनुसंधानकर्ता सह थाना प्रभारी संजीत कुमार ने बालक के संबंध में उक्त रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया और ना ही आरो पपत्र और अंतिम् प्रपत्र समर्पित किया। इस संबंध में परिषद द्वारा 18 जनवरी 2025 को पत्रांक संख्या-641/13 फरवरी 2025 एवं पुनः पत्रांक 796/28 फरवरी 2025 को लिखित रूप में इन्हें उक्त रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वे वाद के आगामी तिथि को भी रिपोर्ट समर्पित करने में असफल रहे हैं। उक्त किशोर के जमानत आवेदन पर सुनवाई पिछले कई तिथियों से इस रिपोर्ट के अभाव में नहीं हो पा रहा है।

अधिनियम के नियम 10 (6) के अनुसार वैसे अपराध जो छोटे एवं गम्भीर प्रकृति के आरोप के मामले हो, जिसमें पुलिस पदाधिकारी को दो माह के अंदर मामले का आरोप पत्र व अंतिम प्रपत्र समर्पित करनी होती है। किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार किशोर न्याय परिषद के द्वारा मामले का निस्तारण चार माह के अंदर अधिकतम विस्तारण अवधि, जो किसी भी दशा में छह माह से अधिक नहीं होगी, उसमे करनी होती है, परंतु इनके द्वारा अब तक आरोप पत्र व अंतिम् प्रपत्र समर्पित नहीं किया गया

और ना ही समय विस्तार की मांग की गयी है, जिससे उनके इस उदासीन व्यवहार के वजह से मामला लबित चला आ रहा है तथा किशोर की देखरेख, संरक्षण, विकास, उपचार एवं उनकी मुलभूत आवश्यकताओं तथा उनके सर्वोत्तम हित के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में विलम्ब हो रही है। इन परिस्थतियों में यह प्रतीत होता है कि अनुसंधानकर्ता सह थाना प्रभारी संजीत कुमार ने ठगी जैसे अपराध में भी जान बुझकर विहित समयावधि के भीतर अपने विधिक कर्तव्य का सार्थक रूप से निर्वहन नहीं किया है।

न्यायिक आदेश के बावजूद सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट एवं आरोप पत्र व अंतिम प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किया है। ऐसे में न्यायालय द्वारा तत्काल प्रभाव से अनुसंधानकर्ता सह थाना प्रभारी संजीत कुमार के वेतन से 4000 रूपये वाद स्थगन खर्च के रूप में काटकर उच्च न्यायालय पटना के निर्देश पर स्थापित बिहार किशोर नीधि के खाता संख्या-35094613009 में जमा करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही आदेश की प्रति पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय सह नोडल बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी नवादा तथा कोषागार पदाधिकारी नवादा को भी दी गई है।

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