स्कूली बच्चे मास्क का कर रहे उपयोग, सदर अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही
देश भर में कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रोन के जेएन-1 ने दे दिया दस्तक
मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक कर सभी जिलों के सिविल सर्जन को जारी कर चुके हैं कोरोना एडवाइजरी
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
बिहार में कोरोना दस्तक दे दी है, पड़ोसी जिला गया में भी कारोना का मरीज मिल चुके हैं, बावजूद नवादा में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट नहीं है। ऐसा ही तस्वीर नवादा सदर अस्पताल में देखने को मिला, जहां न तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मी मास्क लगाकर काम कर रहे हैं और ना ही यहां आने वाले मरीज व उनके परिजन मास्क लगाए नजर आ रहे हैं। जबकि स्कूली बच्चों में कोराना का भय देखने को मिल रहा है। विद्यालय जाने वाले छात्र-छात्राएं मास्क लगाकर स्कूल जाते नजर आ रहे हैं।

दरअसल बिहार के अलावा गया जिले में एक विदेशी सहित 9 कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद पूरे बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के तमाम कर्मियों के अलावा चिकित्सकों को मास्क अनिवार्य कर दिया गया है, बावजूद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से बेखबर है और सदर अस्पताल की जांच पड़ताल के क्रम में सभी लोग बगैर मास्क के ही नजर आ रहे हैं। हालांकि इस दौरान इक्का-दुक्का लोग मास्क पहने नजर आये। लेकिन जिस तरह से बिहार में कोरोना की एक बार फिर से इंट्री हुई है उससे स्वास्थ्य विभाग पहले से अलर्ट मोड में होने की सभी दावा झूठी साबित हो रही है।

देश भर में फिर बना कोरोना का दहशत
देश में कोरोना के नए वेरियंट के सामने आने के बाद संक्रमित मरिजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है और लगातार बैठकें कर हालात के पल-पल की जानकारी ली जा रही है। वहीं नवादा में स्वास्थ्य विभाग इस खतरनाक ओमिक्रोन के नये वेरिएंट जेएन-1 को लेकर अभी तक पूरी तरह से लापरवाह है। बताया जाता है कि बिहार में भी कोरोना के दो मरीजों के मिलने के बाद सरकार अलर्ट हो गई है। इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर राज्य में बाहर से आने वाले लोगों की कोरोना जांच का निर्देश दिया है।

सीएम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हालात पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं और कहा गया है कि कोरोना को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई राज्यों में कोविड के बढ़ते मामले को देखते हुए आरटीपीसीआर जांच की संख्या और बढ़ाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है, सभी लोग सजग एवं सतर्क रहें। कोरोना की रोकथाम को लेकर राज्य के सभी सिविल सर्जनों के साथ समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि अस्पताल में आनेवाले सभी चिकित्सक, कर्मियों और मरीजों के साथ परिजनों को मास्क का प्रयोग करने पर जोर दें। इसको लेकर सिविल सर्जनों को एडवाइजरी भी जारी कर दिया गया है, जिसमें उनको कोविड प्रोटोकॉल के पालन का निर्देश दिया गया।

स्वास्थ्य विभाग को क्या दिया गया निर्देश
देश के दक्षिणवर्ती राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों तथा ओमिक्रॉन के नये सब-वेरिएंट जेएन-1 के देश में लगातार मामलों के पाये जाने को लेकर कई आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जिसमें कोविड जांच एवं विशेष तौर पर आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ायी जाए। अस्पताल में आने वाले सभी बुखार, खांसी एवं श्वसन संबंधी बीमारियों (आईएलआई एवं एसएआरआई) के पीड़ितों की कोविड जांच कराना सुनिश्चित करें। सभी आईएलआई एवं एसएआरआई के मामलों की आईएचआईपी पोर्टल पर प्रविष्टि सुनिश्चित करें।

अस्पतालों में सामान्य, ऑक्सीजन तथा आईसीयू बेड की कार्यशीलता के साथ-साथ दवा, चिकित्सक, ऑक्सीजन उपकरणों तथा रिएजेंट की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए उनकी कार्यशीलता सुनिश्चित करें। अस्पताल परिसर में कोविड समुचित व्यवहार यथा मास्क का उपयोग, सैनिटाइजर की उपलब्धता आदि का अनुपालन करवायें। सभी सिविल सर्जन अपने स्तर से सरकारी निजी अस्पतालों एवं लैब से सतत सूचना संकलन के लिए समय-समय पर समीक्षा बैठक करें एवं आकड़ों की इंट्री कोविड हेल्थ के वेबसाइट पर लोड करना सुनिश्चित करें। वहीं बताया जा रहा है कि इस वेरिएंट से लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, बावजूद जरुरी एहतियात जरूर बरतें।

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