पान की खेती के लिए मशहूर पकरीबरावां के छतरवार गांव में हो रहा था अफीम की खेती
तीन सहोदर भाई मिलकर 10 कट्ठा जमीन पर कर रहा था खेती
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
होली और चुनाव से पहले नवादा में नशे की खेती का बड़ा खुलासा पुलिस ने किया। जहां पान की खेती का गढ़ माना जाता है वहीं अब अफीम जैसी नशीली पौधों की खेती की जा रही है।

यह खेती पकरीबरावां थाना क्षेत्र के छतरवार गांव में किया जा रहा था, जिसकी गुप्त सूचना पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन सगे भाई धंधेबाजों को गिरफ्तार कर अफीम के फसलों को जब्त किया।

बताया जाता है कि उक्त गांव में 10 कट्ठा जमीन पर अफीम की खेती किया जा रहा था, जिसका कीमत करीब 40 लाख रूपये आंका जा रहा है। मंगलवार की रात्रि अचानक हुई कार्रवाई से नशे के सौदागरों में हड़कंप मच गया।

जब्त अफीम का वजन करीब 4 क्विंटल 21.5 किलोग्राम बताया जा रहा है। स्थानीय पुलिस ने बताया कि इन फलों में चीरा लगाकर इससे करीब 40 लाख की कीमत की अफीम तैयार की जा सकती थी।

पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने बताया कि गिरफ्तार धंधेबाजों में पकरीवरावां के छतरवार गांव निवासी रामदेव प्रसाद के बेटे धर्मेंद्र प्रसाद, जितेंद्र प्रसाद तथा देवदत्त कुमार शामिल है।

छापेमारी में पकरीवरावां के थानाध्यक्ष अजय कुमार के अलावा सीओ, बीडीओ व अन्य पदाधिकारी तथा पुलिस जवान आदि शामिल थे। गौरतलब हो कि बिहार में नशामुक्त कानून लागू हुए 8 साल बीत चूका है,

बावजूद जिले में अफीम जैसी निशीले पौधों का खेती होना शर्मनाक है। वहीं आये दिन शराब की बरामदगी इस बात को दर्शाता है कि जिले में नशामुक्त कानून मखौल बन गया है।



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