भूमि अर्जन, मुआवज़ा और पुनर्वासन पर होगी खुली चर्चा — प्रभावित रैयतों से मांगे जाएंगे सुझाव और आपत्तियाँ, खबर में पढ़ें कहां होगी सुनवाई
Report by Nawada News Xpress / नवादा / सूरज कुमार

नवादा शहर में वारिसलीगंज–नवादा रेलवे खंड पर आवागमन की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने को लेकर लेवल क्रॉसिंग संख्या- 33/81 (रेलवे किमी 70/06–07) के स्थान पर पहुँच पथ सहित रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) का निर्माण प्रस्तावित है। इस महत्वपूर्ण परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए आवश्यक भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन कार्य उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता अधिकार अधिनियम–2013 (RFCTLARR Act–2013) के तहत किया जा रहा है। ROB निर्माण से क्षेत्रवासियों को जाम, दुर्घटना और विलंब जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी तथा यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को सुरक्षित और निर्बाध यात्रा का लाभ प्राप्त होगा।

भूमि अर्जन के लिए इन प्लॉटों की होगी सुनवाई
परियोजना क्षेत्र अंतर्गत मौजा—मिर्जापुर, थाना संख्या—360 के निम्नलिखित प्लॉट संख्याएँ: 78, 73, 64, 63, 61, 60, 59, 58, 967, 52, 53, 51, 50, 45, 44, 43, 42, 35, 81, 82, 940, 941, 942, 943, 944, 85, 86, 945, 87, 120, 119, 118, 117, 116, 968, 446, 447, 448, 450 पर प्रस्तावित भूमि अर्जन का सामाजिक प्रभाव आकलन (SIA) एल.एन. मिश्रा आर्थिक अध्ययन एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान, पटना द्वारा किया गया है। इस अध्ययन की ड्राफ्ट रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से जिला प्रशासन को प्राप्त हो चुकी है।

नगर के अग्निशमन कार्यालय परिसर में होगी लोक सुनवाई
SIA रिपोर्ट पर संबंधित पक्षों से सुझाव, आपत्तियाँ एवं विचार लेने के लिए निर्धारित लोक सुनवाई 16 अक्टूबर 2025 को होनी थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई थी, जिसे अब 28 नवंबर 2025 को अग्निशमन कार्यालय परिसर, नवादा में पुनः लोक सुनवाई आयोजित की जाएगी। इस दौरान रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं और प्रभावों को विस्तार से प्रस्तुत किया जाएगा तथा प्रभावित रैयतों, स्थानीय प्रतिनिधियों, मीडिया, सामाजिक संगठनों एवं हितधारकों की राय भी अभिलेख में दर्ज की जाएगी।

प्रश्नों व आपत्तियों का मौके पर होगा निराकरण
लोक सुनवाई में SIA अध्ययन दल के सदस्य, अंचलाधिकारी नवादा, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अधियाची विभाग के प्रतिनिधि, राजस्व कर्मचारी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहेंगे। प्रभावित पक्षकारों द्वारा उठाए गए प्रश्नों और आपत्तियों का मौके पर निराकरण भी किया जाएगा, जिससे भूमि अधिग्रहण की आगे की प्रक्रिया पारदर्शिता और न्यायसंगत आधार पर आगे बढ़ सके। जिला प्रशासन ने कहा है कि यह परियोजना जनहित में अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए प्रभावित लोगों की भागीदारी अनिवार्य है। सभी रैयतों, जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों एवं सामाजिक संगठनों से अनुरोध किया गया है कि वे 28 नवंबर को निर्धारित स्थल पर उपस्थित होकर अपनी बात बेझिझक रखें।


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