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डाक टिकट महोत्सव से पहले पीएमजी ने क्या बताया डाक टिकट का राज, क्यों कहा करोड़पति बनने का माध्यम है डाक टिकट संग्रह, पढ़ें पूरी खबर 

पीएमजी ने कहा नवादा में 11 वर्ष बाद पुनः वृहत पैमाने पर आयोजित होंगे डाक महोत्सव, डाक टिकट संग्रह आय का है बेहतर जरिया
महोत्सव में कई फिलाटेलीस्ट अपने डाक टिकटों के संकलन को करेंगे प्रदर्शित, नवादा प्रोजेक्ट कन्या इंटर विद्यालय में एक व दो अक्टूबर को चलेगा दो दिवसीय डाक टिकट महोत्सव  

Report by Nawada News Xpress 

नवादा / सूरज कुमार

नवादा में 11 वर्षों के बाद एक बार फिर से डाक टिकट महोत्सव की शुरुआत वृहत पैमाने पर जिला मुख्यालय के प्रोजेक्ट कन्या इंटर विद्यालय में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर किया जा रहा है। उन्होंने डाक टिकट की राज को बताते हुए कहा कि दुनिया का पहला डाक टिकट भारत में जारी हुआ था, वह भी बिहार के पटना से जारी हुआ था।

उन्होंने बताया कि करोड़पति बनने का सबसे आसान तरीका डाक टिकट संग्रह का है। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े पूंजीपति डाक टिकट संग्रह करने में लगे हैं। नवादा में आयोजित होने वाली डाक टिकट संग्रह कार्यक्रम में बिहार के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार, नवादा सांसद विवेक ठाकुर, हिसुआ विधायक नीतू देवी, वारिसलीगंज विधायक अरुणा देवी, गोविंदपुर विधायक मो कामरान, रजौली विधायक प्रकाशवीर तथा एमएलसी अशोक यादव के अलावा डीम, एसपी, डीडीसी सहित कई जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।

इसको लेकर सोमवार को प्रधान डाकघर नवादा के सभागार में मुख्य डाक महाध्यक्ष अनिल कुमार ने प्रेसवार्त आयोजित कर तैयारी के बारे में विस्तृत जानकारी दिया। उन्होंने कहा कि इस डाक महोत्सव में कई फिलाटेलीस्ट अपने डाक टिकटों के संकलन को प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने बताया कि डाक टिकटों का संकलन एक बेहतरीन शौक है। फिलाटेली को राजाओं का शौक, शौकों का राजा भी कहा जाता है।

डाक टिकट का संकलन करने से विभिन्न प्रकार की जानकारी तो मिलती ही है साथ ही यह एक आमदनी का भी बेहतरीन जरिया है। इस कार्यक्रम में नवादा के लगभग 50 स्कूल शामिल हो रहे हैं, जिसके एक हजार बच्चे चित्रकला, नृत्य, गायकी, क्विज प्रतियोगिता तथा पत्र लेखन आदि प्रतियोगिता में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि डाक टिकट संग्रह में बच्चों को जागरूक करें।

वहीं डीपीएस पवन कुमार ने कहा कि स्वतंत्र भारत का पहला डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी किया गया था। इसमें भारतीय ध्वज के साथ देशभक्तों का नारा, जय हिंद (भारत अमर रहे) लिखा हुआ है। डाक टिकट की कीमत साढ़े तीन आना थी। स्वतंत्रता की पहली वर्षगांठ पर 15 अगस्त 1948 को महात्मा गांधी के लिए एक स्मारक जारी किया गया था, जो डाक टिकटों का जीवन में अहम महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव की विशेषता यह है कि आयोजन में बड़ी संख्या में स्कूल के बच्चे भाग ले रहे हैं।

इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए अनिल कुमार डाक महाध्यक्ष बिहार के निर्देशन पर अत्याधुनिक एवं सुसज्जित सांसद के द्वारा तैयार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो नवादा शहर के साथ-साथ नवादा के विभिन्न गांव एवं स्कूलों में वीडियो संदेश एवं ऑडियो संदेश के माध्यम से नवादा डाक टिकट महोत्सव विषय के बारे में बताते हुए जागरूकता फैला रहे हैं।

इस महोत्सव में जिले के सभी 14 प्रखंडों के साथ-साथ पड़ोसी जिलों के भी डाकघर से इस प्रदर्शनी में लोगों के भाग लेने की संभावना है। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय कार्यक्रम एक और दो अक्टूबर को लगने वाली डाक टिकट महोत्सव में डाक टिकट प्रदर्शनी, पत्र लेखन तथा अन्य कई कार्यक्रम प्रोजेक्ट कन्या इंटर विद्यालय नवादा में आयोजित किये जा रहे हैं। कार्यक्रम की सफलता को लेकर डाक विभाग के सारे कर्मचारी जुटे हैं तथा सफल बनाने के लिए अपने स्तर से हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बिज़नस एक्सक्यूटिव जितेंद्र कुमार, संतोष कुमार, प्रणाली प्रबंधक मुकेश कुमार, मनीष कुमार, दिनेश्वर शाह, रवि प्रकाश, राहुल कुमार, सुभाष कुमार, अभिषेक कुमार, रामाशीष कुमार, सत्येंद्र कुमार, पोस्ट मास्टर अजय कुमार, गौरी शंकर, अरविंद कुमार, रवि राज, राजेश कुमार, खुशबू कुमारी, स्वीटी कुमारी तथा राजेश्वर कुमार आदि लोग जुटे हैं।



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