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नवादा के इस जंगल में वन विभाग को मिला हिरण का सिंग, फैला सनसनी, पढ़ें पूरी खबर 

जंगल में आदिवासियों से मिलकर तस्कर करा रहे वन्य प्राणियों की हत्या, जांच में जुटे वन विभाग 

Report by Nawada News Xpress 

नवादा / सूरज कुमार 

बिहार के नवादा सीमावर्ती क्षेत्र रजौली के जंगलों में वन्य प्राणियों पर खतरा मंडराने लगा है। तस्करों की मिली भगत से हिरण की हत्या कर उसके सींग का अवैध कारोबार का खुलासा होने से क्षेत्र में सनसनी फैल गया है। 

नवादा के रजौली में विलुप्त हो रहे वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कई तरह के कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं, ताकि वन्यजीवों के विलुप्त होने से बचाया जा सके। बावजूद जंगली क्षेत्रों में आये दिन वन्यप्राणियों की निर्मम तरीके से शिकार किया जा रहा है।

जिससे वन्यजीवों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। कुछ ऐसा ही मामला रजौली वनक्षेत्र के जमुनदाहा जंगल में देखने को मिला है, जहां हिरण के सींग मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। हिरण के सींग मिलने से कई तरह के अफवाहों का बाजार गर्म है।

सींग बरामद होने की सूचना पर जमुनदाहा जंगल पहुंचे वन विभाग की टीम ने हिरण के सींग को जब्त कर वन परिसर रजौली लाया है। वहीं इस संबंध में रेंजर मनोज कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि झारखंड से आये आदिवासी मजदूरों के द्वारा तस्करों से मिलकर हिरण का शिकार किया जा रहा है। 

सूचना के आलोक में वन विभाग के कर्मियों को जमुनदाहा पीएफ के पास भेजा गया और हिरण के सींग को जब्त कर वन विभाग रजौली लाया है। हिरण के शिकार में शामिल तस्करों को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी किया जा रहा है।

बहुत जल्द ही हिरण के अवैध शिकार में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजने के लिए लगातार छापेमारी करने में जुटी है। वहीं सूत्रों की मानें तो रजौली वनक्षेत्र के जंगली इलाको में बड़े पैमाने पर झारखंड राज्य के खूंटी से आकर आदिवासी मजदूर अवैध तरीके से घर बनाकर रह रहे हैं

और इनलोगों के द्वारा जंगली जानवरों का शिकार कर तस्करी किया जा रहा है। जिस तरह से इन आदिवासियों की जनसंख्या रजौली वन क्षेत्र में लगातार बढ़ रही है, उससे आनेवाले दिनों में वन्यजीव सहित हरे पेड़ों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।

बता दें कि दशकों पूर्व भी इस तरह का मामला रजौली के जंगल में हो चुकी है। आज फिर तस्करों के गिद्ध नजर रजौली के वन्य प्राणियों पर पड़ा है। बताया जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में हिरण के सींग और छाल का काफी डिमांड रहने से

तस्कर इस जंगल में आदिवासियों से मिलकर हिरण का शिकार कराने में जुटे हैं। फिलवक्त वन विभाग ऐसे तस्करों को पकड़ने में अभी तक विफल रही है। यही हालात रहा तो इन जंगलों से वन्य प्राणियों के विलुप्त होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। 

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