महागठबंधन और कार्यकर्ता को सारथी बना श्रवण चुनावी मैदान में तेजस्वी रथ को दे रहे रफ्तार
राजद से टिकट मिलने के बाद पार्टी के विधायकों ने छोड़ा साथ, गोविंदपुर विधायक मो कामरान भी गए हज पर
अकेले कांग्रेस विधायक नीतू सिंह का मिल रहा साथ, बढ़ा रही हौसला
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
नवादा लोकसभा चुनाव में इसबार राजद ने जातिये समीकरण को तोड़कर श्रवण कुशवाहा को टिकट दिया है, लेकिन राजद से टिकट लेकर नामांकन के बाद उनको अपनो ने ही साथ छोड़ दिया। नवादा में राजद के तीन विधायक हैं, जिसमें नवादा विधानसभा से विभा देवी, रजौली विधानसभा से प्रकाशवीर तथा गोविंदपुर विधानसभा से मो कामरान है।

परंतु दुर्भाग्य उक्त तीनों विधायकों में कोई भी विधायक उनके इस महासंग्राम में साथ देने के लिए मैदान में नहीं हैं। ऐसे में महागठबंधन के हिसुआ विधानसभा से कांग्रेस विधायक नीतू सिंह उनके हौसले को बढ़ाने में जुटी है। इसके साथ ही इस महासंग्राम में महागठबंधन और कार्यकर्ता श्रवण कुशवाहा के लिए सारथी बनकर तेजस्वी के रथ को रफ्तार देने में जुट गए हैं।

क्या है राजद के विधायकों का साथ छोड़ने का मामला
दरअसल नवादा में पूर्व राज्य मंत्री राजबल्लभ यादव के परिवार का राजद से पुराना नाता रहा है। यही वजह है कि नवादा विधानसभा से राजद ने उनकी पत्नी विभा देवी को टिकट दिया और वह जीत गई।

इतना ही नहीं इस परिवार के पहल पर राजद से रजौली विधानसभा में प्रकाशवीर विधायक बने। परंतु विधान परिषद के चुनाव में उनके भतीजे अशोक यादव को टिकट नहीं मिला और वह निर्दलीय चुनाव में खड़ा हुए और जीत गए।

राजबल्लभ यादव के छोटे भाई विनोद यादव नवादा लोकसभा से टिकट की आस लगाए थे, लेकिन पार्टी अलाकमान ने विनोद यादव को टिकट नहीं देकर श्रवण कुशवाहा को टिकट दे दिया, यहीं से राजबल्लभ परिवार ने बगावत शुरू कर दी, जिसके बाद विनोद यादव निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए।

अब चुंकि विधायक विभा देवी राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं और विनोद यादव की भाभी हैं, इस कारण उनका साथ विनोद यादव को मिल गया। वहीं विधायक प्रकाशवीर राजद के विधायक जरूर हैं परंतु उनका सब कुछ राजबल्लभ यादव हैं। इस तरह से राजद के विधायकों का श्रवण से नाता टूट गया।

चुनाव के एन वक्त पर गोविंदपुर विधायक क्यों चले गए हज पर
गोविंदपुर विधानसभा के विधायक मो कामरान अपने चार सगे सम्बंधियों के साथ हज पर चले गए हैं। जब चुनाव में मुस्लिम वोटरों और पार्टी के प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा को सहयोग की जरूरत पड़ी तो एन वक्त पर उनका साथ छोड़ हज यात्रा पर निकल पड़े।

हालांकि मीडिया में विधायक मो कामरान के बारे में चर्चा है कि क्षेत्र सहित देश-दुनिया के लिए अमन चैन की दुआ मांगने गए हैं। बहरहाल जो भी हो, लेकिन श्रवण कुशवाहा को पार्टी के विधायकों का साथ इस महासंग्राम में छूट गया। इन सब के बावजूद श्रवण को महागठबंधन और कार्यकर्ताओं के सहारे जनता के बीच अपार समर्थन मिल रहा है। इससे यह तय है कि एनडीए और महागठबंधन में लड़ाई कांटे की होगी।
