परबत्ता के जदयू विधायक डॉ संजीव को रजौली में किया गया था नजर बंद, फिर पटना के लिए नवादा प्रशासन अपनी अभिरक्षा में हुए रवाना
राजद प्रदेश सचिव श्रवण कुशवाहा ने कहा फ्लोर टेस्ट में जाने से विधायक को रोकना लोकतंत्र की हत्या
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
कहते हैं राजनीत और जंग में सब जायज है। ऐसा ही एक मामले ने राजनीत में हलचल मचा दिया। दरअसल बिहार में फ्लोर टेस्ट होना है, जिसको लेकर जदयू के परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार को नवादा बॉर्डर पर रोककर जिला प्रशासन ने नजरबंद किया।

बाद में राजद के नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा हंगामा किया गया, तब जिला प्रशासन आनन-फानन में उन्हें अपनी अभिरक्षा में पटना के लिए रवाना हुए। इस दौरान राजद नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके इशारे पर नवादा जिला प्रशासन द्वारा विधायक को फ्लोर टेस्ट में पहुंचने से रोका गया है।

बता दें कि परबत्ता विधानसभा सीट से जेडीयू के विधायक डॉ संजीव कुमार को नवादा जिला प्रसाशन द्वारा जिले रजौली गेस्टहाउस में रोक दिया गया था। राजद नेता व नवादा के पूर्व एमएलसी प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा ने कहा आज 12 तारीख है और 11 बजे फ्लोर टेस्ट है,

बावजूद जिला प्रशासन द्वारा विधायक को रोका गया, ताकि वे फ्लोर टेस्ट में नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा यह कार्य जिला प्रशासन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर कर रहे हैं। बहरहाल विधायक डॉ संजीव कुमार को जिला प्रसाशन रजौली के गेस्टहाउस में रोककर रखा गया था, जहां मीडिया से भी बात नहीं करने दिया जा रहा है।

राजद नेताओं का लगा रहा जमावड़ा
जदयू विधायक के रोके जाने की सूचना पर जिले भर के राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ रजौली गेस्टहाउस में लग गयी।जिला प्रसाशन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारे लगाए जा रहे थे। वहीं लोकतंत्र की हत्या किए जाने की बात कही जा रही है। इस संबंध में जिला प्रसाशन की ओर से कोई बयान नहीं दिया जा रहा है।

गौरतलब हो कि बिहार में जारी सियासी संकट के बीच बिहार के खगड़िया जिले के परबत्ता से जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार सिंह को नवादा में पुलिस और प्रशासन के द्वारा डिटेन किया गया। बताया जा रहा है कि विधायक संजीव झारखंड के रास्ते सोमवार की सुबह बिहार की सीमा में प्रवेश कर रहे थे,

इसी दौरान उन्हें नवादा जिला प्रशासन के द्वारा बिहार झारखंड बॉर्डर पर रजौली में रोका गया। उन्हें वन विश्राम गृह रजौली में रखा गया, जहां डीएम और एसपी मौजूद बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि विधायक संजीव सरकार से नाराज चल रहे थे

और फ्लोर टेस्ट में पार्टी के खिलाफ जाकर मतदान कर सकते थे। वे अपने पार्टी नेतृत्व से पूरी तरह से कटे हुए थे। वैसे इस मामले में नवादा जिला प्रशासन के कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। आज ही बहुमत परीक्षण होना है। जिसको लेकर नवादा में हुआ बड़ा खेल।



