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तेरहवीं पर शहीद चंदन के घर श्रद्धांजलि देने पहुंचे जाप सुप्रिमों पप्पू यादव ने क्या कह दी बड़ी बात, पढ़ें पूरी खबर 

शहीद चंदन के शोकाकुल परिवार से मिलकर दिया सांत्वना
शहीद चंदन के पिता को दिया पचास हजार का आर्थिक मदद
Report by Nawada News Xpress

नवादा / सूरज कुमार

जाप सुप्रिमों पप्पू यादव मंगलवार की शाम नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के नारोमुरार गांव पहुंचे, जंहा जम्मू के पुंछ सेक्टर में आतंकी हमला में शहीद हुए चंदन के परिवार से मिलकर सांत्वना दिया। उन्होंने शहीद चंदन के पिता को 50 हजार रुपये का आर्थिक मदद दिया तथा एक भाई को प्राइवेट कंपनी में नौकरी दिलाने का अश्वासन भी दिया।

उन्होंने केन्द्र और बिहार सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मैंने कई शहीदों को देखा है। शहीद होने के बाद किसी को पेट्रोल पम्प तो किसी को गैस एजेंसी दिलाने की घोषणा तो जरुर करते हैं, लेकिन समय बितने के बाद उनका घोषणा सिर्फ घोषणा बनकर रह जाती है। मैं इस तरह की कई घटनाएं देखा हूं, जिसमें सरकार अनैतिक दायित्वों का निर्वहन किया है।

उन्होंने कहा कि नारोमुरार आने के क्रम में कई जगहों पर हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में सड़क जाम से जुझना पडा़, लेकिन मैं भी चालकों की मांग का समर्थन करते हुए नारा लगाए, अगर मैं आंदोलनकर्ताओं के साथ अकड़ दिखाते हुए कहता कि मैं पप्पू यादव हूं, तब मुझे भी अपमानित होना पड़ सकता था।

श्री यादव ने कहा कि अपमानित तो कर्ण भी हुए थे, सबसे ज्याद अपमानित कृष्ण हुए थे, लेकिन कृष्ण अतित को भूल गए, तब वे भगवान बन गए, लेकिन कर्ण अतित को नहीं भूले और कर्ण दुर्याेधन को साथ ले लिए, जिससे उनका स्तित्व समाप्त हो गया।

उन्होंने वहीं से किसी पुलिस पदाधिकारी से बात कर आंदोलनकारियों पर वारिसलीगंज थाना में दर्ज की गई प्राथमिकी को वापस लेने की मांग किया। इसके अलावा केंद्र सरकार से दो करोड़ और बिहार सरकार से एक करोड़ के साथ शहीद चंदन के एक परिवार को सरकारी नौकरी देने का भी मांग किया। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चुनाव के वक्त कोई भी सरकार करोड़ों की घोषणा करते हुए दिलदार बन जाते हैं।

बड़ी-बड़ी बातें कहने से नहीं होता है, कोई भी घोषणा का कोई महत्व तभी होता है, जब तत्काल उसको मदद मिलता है, वही सही मदद होता है। चुनाव के समय लोग घोषणा कर लोगों को बर्गलाने का काम करते हैं। चुनाव के लिए सरकार के पास पैसे होते हैं और चुनाव के बाद जाति, धर्म सब खत्म हो जाता है। भारत सरकार व बिहार सरकार को किसी भी कीमत पर इस परिवार के लिए किसी भी मद से नगद आर्थिक मदद करें और नौकरी का लाभ दें।

उन्होंने कहा कि साधारण व्यक्ति की शहादत में लाखों लोग शामिल हुए बावजूद बिहार सरकार ने संवेदना नहीं दिखायी। वैसे लोगों को चुनाव के समय ही बाप-दादा याद आते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी राज्य सरकार से मांग है कि कतरीसराय-मसनखांवा मार्ग को शहीद चंदन के नाम से घोषणा किया जाय और उनका एक मुर्ती का भी अनावरण किया जाय, जहां से यह मार्ग शुरू होती है।

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