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विधानसभा चुनाव 2025 : क्यों मीडिया प्रतिनिधियों को दिया गया प्रशिक्षण, पढ़ें पूरी खबर

सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के सभाकक्ष में मीडिया प्रतिनिधियों के लिए आयोजित हुआ प्रशिक्षण, राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणीकरण और “पेड न्यूज” की पहचान पर दी गई विस्तृत जानकारी

Report by Nawada News Xpress / नवादा / सूरज कुमार

बिहार विधान सभा आम निर्वाचन, 2025 को पारदर्शी, निष्पक्ष और सफलतापूर्वक संपन्न कराने के उद्देश्य से गुरुवार को सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के सभाकक्ष में मीडिया प्रतिनिधियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता डॉ. राजकुमार सिन्हा (नोडल पदाधिकारी, प्रशिक्षण कोषांग) एवं अमरनाथ कुमार (नोडल पदाधिकारी, मीडिया एवं एमसीएमसी कोषांग) ने की। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मीडिया प्रतिनिधियों को निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों से अवगत कराना तथा चुनाव अवधि में मीडिया की जिम्मेदारी और पारदर्शिता को और अधिक सशक्त बनाना था।

राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पूर्व प्रमाणीकरण अनिवार्य

प्रशिक्षण कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या संस्था द्वारा टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म आदि पर प्रसारित सभी राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण अनिवार्य है। यह नियम मतदान दिवस एवं उससे एक दिन पूर्व प्रकाशित होने वाले प्रिंट मीडिया के राजनीतिक विज्ञापनों पर भी लागू होगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य मतदाताओं को भ्रामक या आपत्तिजनक प्रचार से बचाना है।

“पेड न्यूज” पर रहेगी सख्त नजर

मीडिया एवं एमसीएमसी कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि मीडिया मॉनिटरिंग समिति का एक प्रमुख कार्य “पेड न्यूज” की पहचान कर उसे संबंधित निर्वाची पदाधिकारी को रिपोर्ट करना है। उन्होंने संकेतों का उल्लेख करते हुए बताया कि — समाचार और विज्ञापन का समान प्रारूप या शैली, एक ही उम्मीदवार के पक्ष में विभिन्न समाचार पत्रों में समान सामग्री, किसी प्रत्याशी को असमान रूप से अधिक कवरेज देना तथा प्रचारात्मक दावों को समाचार के रूप में प्रस्तुत करना, पेड न्यूज के प्रमुख संकेत माने जाएंगे। यदि कोई सामग्री “पेड न्यूज” के रूप में प्रमाणित होती है तो उसकी लागत संबंधित उम्मीदवार के चुनाव व्यय में जोड़ दी जाएगी।

सोशल मीडिया पर भी की जा रही निगरानी

फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम तथा यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित राजनीतिक सामग्री की निरंतर मॉनिटरिंग एमसीएमसी द्वारा की जाएगी। भ्रामक, आपत्तिजनक या आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित किसी भी सामग्री पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

लोकतंत्र में मीडिया की अहम भूमिका

वक्ताओं ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में मीडिया की भूमिका केवल सूचना देने तक सीमित नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने और निष्पक्ष माहौल बनाने में भी अहम है। चुनावी अवधि में समाचारों के प्रकाशन में निष्पक्षता, सत्यता और संतुलन बनाए रखना अनिवार्य है। मौके पर जिले के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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