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बिहार विधानसभा चुनाव-2025: नवादा जिले में सख्ती से लागू हुई निषेधाज्ञा, डीएम ने क्या दी चेतावनी, पढ़ें पूरी खबर

बिना अनुमति सभा-जुलूस पर रोक, आचार संहिता लागू होते ही प्रशासन सख्त, डीएम ने कहा चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है, इसे शांति और सौहार्द के साथ मनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी

Report by Nawada News Xpress / नवादा / सूरज कुमार

बिहार विधानसभा आम निर्वाचन–2025 की घोषणा के साथ ही नवादा जिले में प्रशासनिक सख्ती शुरू हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा 6 अक्टूबर को चुनाव तिथियों की घोषणा करते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसी क्रम में जिला दंडाधिकारी रवि प्रकाश ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 163 के तहत पूरे नवादा जिले में निषेधाज्ञा जारी की है, जो निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तक या अधिकतम 60 दिनों तक प्रभावी रहेगी।

डीएम ने कहा — “नहीं दी जाएगी शांति भंग करने की अनुमति”

निर्वाचन की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों द्वारा सभा, जुलूस, रोड शो एवं प्रचार-प्रसार की गतिविधियों में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। डीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि कानून-व्यवस्था भंग करने, अफवाह फैलाने या मतदाताओं को डराने-धमकाने की किसी भी कोशिश पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निषेधाज्ञा के क्या है प्रमुख प्रावधान

पाँच या उससे अधिक व्यक्ति शांति भंग करने के उद्देश्य से एकत्र नहीं होंगे। बिना अनुमति कोई सभा, जुलूस, धरना, प्रदर्शन या लाउडस्पीकर का प्रयोग वर्जित रहेगा बिहार लाउडस्पीकर के प्रयोग एवं वादन नियंत्रण अधिनियम, 1955 के तहत रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित। धार्मिक स्थल एवं शैक्षणिक संस्थान का उपयोग किसी भी राजनीतिक या चुनावी उद्देश्य से नहीं किया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों पर लाठी, भाला, तलवार आदि हथियारों का प्रदर्शन पूरी तरह निषिद्ध।भड़काऊ या अश्लील भाषण, पोस्टर, पर्चे या प्रचार सामग्री प्रतिबंधित। बिना अनुमति राजनीतिक दल का अस्थायी या स्थायी कार्यालय नहीं बनेगा। निर्वाचन ड्यूटी पर लगे अधिकारी-कर्मचारी, सुरक्षा बल या वैध शस्त्रधारी समुदाय इस आदेश से मुक्त रहेंगे। अफवाह फैलाना, मतदाताओं को लालच या धमकी देना दंडनीय अपराध माना जाएगा। निर्वाचन आयोग के सभी दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा।

किन पर लागू नहीं होगी निषेधाज्ञा

शादी–बारात, शवयात्रा, धार्मिक अनुष्ठान, हाट–बाजार, सरकारी कार्यों में संलग्न अधिकारी/कर्मचारी तथा पूर्व अनुमति प्राप्त सभाओं या जुलूसों पर यह आदेश लागू नहीं होगा।

डीएम की अपील

“चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है, इसे शांति और सौहार्द के साथ मनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था भंग नहीं होने दी जाएगी।” — रवि प्रकाश, जिलाधिकारी, नवादा

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