मॉडर्न ग्रुप के सभी शिक्षण संस्थानों में बच्चों को पढ़ाया गया तुलसी की महत्ता का पाठ, निदेशक डॉ अनुज ने कहा धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ तुलसी औषधीय गुणों है खान
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार

क्रिसमस डे जैसी पाश्चात्य परम्परा को छोड़ दक्षिण बिहार एवं झारखंड के ज्ञानस्थली मॉडर्न ग्रुप के सभी शिक्षण संस्थानों में बुधवार को तुलसी पूजन का भव्य आयोजन किया गया। मॉडर्न शैक्षणिक समूह नवादा के द्वारा संचालित मॉडर्न इंग्लिश स्कूल कुंती नगर, मॉडर्न इंग्लिश स्कूल न्यू एरिया, न्यू मॉडर्न इंग्लिश स्कूल न्यू एरिया, मॉडर्न चिल्ड्रन स्कूल, मॉडर्न पब्लिक स्कूल रामनगर, मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल हिसुआ तथा मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल नारदीगंज में तुलसी पूजन का शानदार आयोजन कर बच्चों को भारतीय संस्कृति और सभ्यता का पाठ पढ़ाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत मॉडर्न शैक्षिक समूह के निदेशक डॉ अनुज सिंह के द्वारा तुलसी पूजन कर किया गया। मॉडर्न समूह के निदेशक डॉ अनुज सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि तुलसी भारतीय सनातन संस्कृति का आधार है। भारतीय संस्कृति में तुलसी को पूजनीय माना जाता है, धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ तुलसी औषधीय गुणों का खान है।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में तो तुलसी को उसके औषधीय गुणों के कारण विशेष महत्व दिया गया है। तुलसी ऐसी औषधि है जो ज्यादातर बीमारियों में काम आती है। इसका उपयोग सर्दी-जुकाम, खांसी, दंत रोग और श्वास सम्बंधी रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। सर्वप्रथम विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी की शानदार झांकी निकाली गई।

जिसमें आगे-आगे भगवान विष्णु व लक्ष्मी और उनके पीछे सैकड़ों बच्चे हाथ में कलश लिए, माथे में तिलक लगाए, पारंपरिक पोशाक में चल रहे थे। फिर मां तुलसी की विधिवत पूजन आरती वंदन किया गया। तुलसी मैया सुनो तू मेरी प्रार्थना गीत पर शानदार प्रस्तुति विद्यालय के बच्चों द्वारा दी गई। विद्यालय के प्राचार्य गोपाल चरण दास एवं सभी शाखाओं के उपप्राचार्य व शिक्षकगण ने भी तुलसी की विधिवत पूजा-अर्चना की।

निदेशक डॉ सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हम सभी भारतीयों के लिए सबसे अलग है। वैसे तो हमारे यहां प्रतिदिन तुलसी की पूजा की जाती है, परंतु आज का दिन तुलसी पूजन का एक अलग ही महत्व है। दुनिया में तुलसी को एक पौधा माना जाता है पर हमारे भारत में हम सभी इसको देवी का रूप मानकर इसकी पूजा अर्चना करते हैं।

वास्तव में तुलसी हमारे सभ्यता एवं संस्कृति की आधार स्तंभ है। उन्होंने सभी बच्चों को यह संदेश दिया कि आप प्रतिदिन इसकी पूजन अर्चना कर इससे होने वाले लाभ को ले सकते हैं।इसके पूजा करने से आसपास के नकारात्मक शक्तियों का खत्मा होता है, साथ ही साथ हमारे अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा आती है।

उन्होंने कहा कि एक ओर जहां पूरी दुनिया में आज प्लास्टिक के पेड़ की दूसरे धर्म वाले लोग पूजा अर्चना करने में जुटे हैं, वहीं हमारे यहां आज उस तुलसी की पूजा की जाती है जिसके धार्मिक और वैज्ञानिक कई आधार हैं। तुलसी अपने सनातन धर्म से जुड़ने का एक अच्छा सुलभ साधन है। लगभग एक घंटे का कार्यक्रम बच्चों के लिए रखा गया था।

सभी बच्चों ने बारी-बारी से तुलसी के पौधे को प्रणाम करते नजर आ रहे थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी शिक्षकों में विपुल कुमार, अंजना दीक्षित, वंदना कुमारी, स्वीटी कुमारी, कुमारी स्वीटी, सुशील कुमार, उमेश पांडेय, दिव्या कुमारी, विस्मिता साहू, एसके रंजन तथा नारायण पाठक आदि की सराहनीय भूमिका रही।

