हत्यारा सुपारी किलर सहित तीन गिरफ्तार, पूर्व में दो आरोपी को भेजा जा चूका है जेल
पकरीबरावां थाना क्षेत्र अंतर्गत हुए मुखिया हत्याकांड का मात्र 72 घंटे के अंदर नवादा पुलिस ने किया सफल उद्भेदन
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
नवादा जिले के पकरीबरावां थाना क्षेत्र के बुधौली पंचायत के मुखिया पप्पू मांझी की हत्या का पुलिस ने 72 घंटे में ही सफल उद्भेदन कर दिया है। जिसने मृतक पप्पू मांझी को मुखिया चुनाव में जिताने के लिए सहयोग किया, वही सुपारी किलर की मदद से गोली मारवा कर हत्या कराया। गिरफ्तार अपराधियों के पास से हत्या में इस्तेमाल किया गया एक देसी कट्टा, 2 ज़िंदा कारतूस, एक खाली खोखा, तथा 2 बारूद भरा हुआ खोखा बरामद किया गया।

पकरीबरावां एसडीपीओ ने प्रेसवार्ता कर दी जानकारी
इस घटना का उद्भेदन पश्चात पकरीबरावां एसडीपीओ महेश चौधरी ने प्रेसवार्ता कर बताया कि 14 जून 2024 को करीब 7 बजे पकरीबरावां थाना को सूचना प्राप्त हुई थी कि थाना क्षेत्र अंतर्गत बुधौली पंचायत के वर्तमान मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई है, जिसका शव बुधौली स्कूल के प्रांगण में पाया गया था। सूचना के सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक नवादा के निर्देशानुसार एक एसआईटी का गठन किया गया। गठित एसआईटी तुरंत घटनास्थल पर पहुंची एवं घटनास्थल का निरीक्षण किया। साथ ही शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।

मृतक मुखिया की पत्नी ने दर्ज कराई प्राथमिकी
उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी कौशल्या देवी के लिखित आवेदन के आधार पर 14 जून 2024 को पकरीबरावां थाना में कांड संख्या- 252/24 के तहत धारा 302/34 भादवि एवं 27 आर्म्स एक्ट दर्ज किया गया।

हत्या के पीछे क्या था पूरा मामला
उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक नवादा द्वारा गठित एसआईटी द्वारा अनुसंधान के क्रम में यह बात सामने आया कि बुधौली पंचायत के मुखिया पप्पू मांझी को बुढ़ायी गांव के अमरेन्द्र कुमार एवं दिऔरा गांव के मनीष सिंह मिलकर पंचायत चुनाव में समर्थन कर मुखिया बनाया था। मुखिया बनने के बाद से अब तक पप्पू मांझी किसी भी तरह की सरकारी योजना का राशि निकालने में सिर्फ़ हस्ताक्षर लगाता रहा और सभी पैसा अमरेन्द्र कुमार एवं मनीष सिंह लेते रहे।

एसडीपीओ श्री चौधरी ने बताया कि पिछले कुछ माह से पप्पू मांझी किसी भी योजना मद की राशि पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे। यहां तक कि अमरेन्द्र कुमार एवं मनीष सिंह द्वारा कराये जा रहे गांव के इंटर विद्यालय का निर्माण कार्य को भी पप्पू मांझी के द्वारा रोक दिया गया था। जिससे इनलोगों में आपसी अनबन हो गई थी। उन्होंने बताया कि दूसरी तरफ अमरेन्द्र कुमार एवं मनीष सिंह बुधौली पंचायत के उपमुखिया छोटू पांडेय को मुखिया बनाने का लालच देकर आपसी षड्यंत्र के तहत पप्पू मांझी को रास्ते से हटाने का योजना बनाने लगा।

सुपारी किलर से 2.5 लाख में हुआ था हत्या की डील
छोटू पांडेय जो अक्सर रमा चौधरी के पास गांजा पीता था, उसने रमा चौधरी से पूछा कोई ऐसा व्यक्ति है जो इस हत्या कांड को अंजाम दे सकता है, तो रमा चौधरी ने छोटू पांडेय को निखिल कुमार से मिलवाया। एसडीपीओ ने बताया कि छोटू पांडेय ने निखिल कुमार को लालच दिया कि अगर तुम पप्पू मांझी को रास्ते से हटा दोगे तो तुम्हें 2.5 लाख रुपया देंगे साथ ही मुखिया बन जाने के बाद बहुत सारा काम भी देंगे।

इस बात पर निखिल तैयार हो गया और 13 जून 2024 को घटना के दिन रात्रि में क़रीब 8-9 बजे मनीष सिंह, पप्पू मांझी को फ़ोन करके बोला की अमरेन्द्र कुमार तुमको स्कूल के साइड में बुला रहा है और फिर इनलोगों के द्वारा उसी दिन मुखिया पप्पू मांझी को मारने का तय किया गया।

छोटू पांडेय ने निखिल कुमार को हथियार और गोली उपलब्ध करा दिया एवं रमा चौधरी ने निखिल कुमार को पप्पू मांझी का पहचान करवा दिया। रात्रि अधिक हो जाने पर निखिल ने अपने पास में रखे हथियार से पप्पू मांझी को गोली मार दिया, जिससे उसको मृत्यु घटनास्थल पर ही हो गई।

घटना के तुरंत बाद अमरेंद्र और मनीष की हो चुकी थी गिरफ्तारी
उन्होंने बताया कि इस कांड में अमरेन्द्र कुमार एवं मनीष सिंह की गिरफ़्तारी पूर्व में की जा चुकी है तथा शेष तीनों अभियुक्तों की गिरफ़्तारी कर 72 घंटे के अंदर इस कांड का सफल उद्भेदन किया गया। एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों में पकरीबरावां थाना क्षेत्र के कोयरी बिगहा निवासी गोपाल विश्वकर्मा का पुत्र निखिल कुमार, थाना क्षेत्र के बुधौली गांव निवासी दरबारी चौधरी का पुत्र रमा चौधरी तथा थाना क्षेत्र के भलुआ गांव निवासी कैथोलिक फादर गौरीकान्त पांडेय शामिल है।
