सीट शेयरिंग में एनडीए से भाजपा व महागठबंधन से राजद के कोटे में गया नवादा की सीट
नवादा लोकसभा के लिए चार प्रत्याशियों ने कटाया एनआर रसीद
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
नवादा लोकसभा सीट के लिए एनडीए और महागठबंधन ने सीट शेररिंग तो कर लिया, लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा केवल महागबंधन ने ही किया है। वहीं एनडीए के द्वारा नवादा लोकसभा सीट से प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं किये जाने से लोगों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है।

इधर, 21 मार्च तक नवादा लोकसभा सीट के लिए मात्र चार प्रत्याशियों ने एनआर रसीद कटाया है। एनआर लेने वालों में कादिरगंज के सोनू बिगहा ग्रामीण श्रवण कुमार, सदर प्रखंड अन्तर्गत पथरा इंग्लिष गांव निवासी विनोद यादव, सिरदला प्रखंड के रंजीत कुमार तथा रोह प्रखंड के रामकृपाल शरण शामिल है।

बता दें कि 20 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गया है, इसके लिए समाहरणालय में जिला प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है। नामांकन प्रक्रिया होली के बाद 28 मार्च तक चलना है। इसके अलावा 30 मार्च को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा, 2 अप्रैल को नाम वापसी की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। नवादा लोकसभा में पहले चरण में मतदान होना है, जिसको लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तरह से कमर कस लिया है।

साथ ही आदर्श आचार संहिता को लेकर संयुक्तादेश भी जारी किया जा चुका है। साथ ही नगर सहित जिले विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर सघन वाहन जांच भी किया जा रहा है। गौरतलब हो कि महागठबंधन से नवादा के लिए श्रवण कुशवाहा को टिकट मिलने की सूचना बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह देखते बन रहा है।

पटना में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने जैसे ही नवादा के लिए श्रवण कुशवाहा को सिम्बल दिया, वैसे ही राजद के समर्थकों में होली का उत्साह दुगना हो गया। पार्टी के जिला कार्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक राजद के कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को बधाई दिया।

मुखिया से शुरू हुआ श्रवण कुशवाहा का राजनीति कैरियर
नवादा लोकसभा सीट से राजद के प्रत्याषी बने श्रवण कुशवाहा का इतिहास काफी जमीनी रहा है। सर्व प्रथम 2001 में उन्होंने मुखिया का चुनाव जीता, इसके बाद से इनका राजनीतिक कैरियर शुरू गया, जो लगातार 2020 तक पति-पत्नी का मुखियागीरि बरकरार रहा। इसके साथ ही श्री कुषवाहा ने वर्ष 2015 व 2020 में नवादा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहे।

वहीं 2022 में राजद से स्थानीय निकाय का एमएलसी चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहे। एमएलसी चुनाव हारने के बाद पार्टी व क्षेत्र से लगातार जुड़े रहे, जिसका परिणाम हुआ कि उन्हें नवादा लोकसभा से राजद ने टिकट देकर सम्मानित किया। हालांकि मोदी लहर में श्री कुशवाहा को चुनाव जीतने के लिए काफी मशक्कत करने की जरूरत है। इसके लिए गांव से लेकर शहर तक एड़ी-चोटी एक करना होगा। श्री कुशवाहा की बात करें तो कोरोना काल जैसे महामारी में भी उनका योगदान काफी सराहनीय रहा, जिसे लोग कभी भूला नहीं सकते हैं।
