पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई — भ्रूण हत्या के खिलाफ सख्ती, छापेमारी के बाद उपकरणों को जब्त कर दर्ज करायी गई प्राथमिकी
Report by Nawada News Xpress / नवादा / सूरज कुमार

नवादा जिले के गोविंदपुर थाना क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक अवैध (गैर पंजीकृत) अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापेमारी कर बड़ा कदम उठाया। यह कार्रवाई पीसी-पीएनडीटी अधिनियम 1994 के तहत की गई। जांच के दौरान पाया गया कि उक्त सेंटर बिना पंजीकरण के अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार चौधरी, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजकिशोर प्रसाद तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोविंदपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कुमार गौरव की संयुक्त टीम ने गोविंदपुर थाना क्षेत्र के थाना रोड में अवैध रुप से संचालित मेसर्स आशीर्वाद अल्ट्रासॉउन्ड सेंटर में छापेमारी की गई। यह सेंटर स्थानीय निवासी अवधेश कुमार के आवास में संचालित हो रहा था।

जांच में कोई वैध प्रमाण पत्र नहीं मिला
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सेंटर के पास न तो पीसी-पीएनडीटी पंजीकरण प्रमाण पत्र था और न ही कोई वैध मेडिकल लाइसेंस। साथ ही संचालक का नाम भी स्पष्ट नहीं था। जबकि वहां रही महिलाओं में विनीत चौधरी की पुत्री रूबी कुमारी तथा अर्जुन शर्मा की पुत्री तुलसी कुमारी ने टीम को बताया कि यहां टेक्निशियन व चिकित्सक का काम थाना क्षेत्र के विशनपुर गांव निवासी राजू कुमार वर्मा करते हैं। सेंटर में रहे संचालक राजू वर्मा से जब आवश्यक कागजात मांगा गया तब वह जांच टीम को चकमा देकर फरार हो गया। इससे मामला और भी गंभीर हो गया है।

अवैध मशीनें जब्त कर की गई प्राथमिकी दर्ज
जांच टीम ने छापेमारी के दौरान LOGIQ-P5 CISPR-11/EN 53011, प्रिंटर मशीन, यूएसजी मशीन, रजिस्टर तथा रिपोर्ट फोल्डर व डायरी जब्त कर स्थानीय थाना को सुपुर्द कर दिया। साथ ही जांच समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि मशीनों को जब्त कर गोविंदपुर थाना में सुपुर्द किया जाए और अज्ञात संचालक के विरुद्ध पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए।
भ्रूण हत्या पर लगाम के लिए कड़ी निगरानी
अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों के जरिए भ्रूण लिंग जांच कर गर्भ में ही कन्या भ्रूण हत्या जैसी घिनौनी सामाजिक कुरीतियों को बढ़ावा मिलता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस तरह के सेंटर न केवल कानून का उल्लंघन कर रहे हैं बल्कि सामाजिक संतुलन और महिलाओं की सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार चौधरी ने कहा— “भ्रूण लिंग जांच और कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए विभाग पूरी तरह सख्त है। बिना पंजीकरण कोई भी अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित नहीं किया जा सकता। कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
पीसी-पीएनडीटी एक्ट का उद्देश्य
पीसी-पीएनडीटी अधिनियम 1994 का मुख्य उद्देश्य भ्रूण लिंग जांच पर रोक लगाना और कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने वालों पर कठोर दंड और लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान है।

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