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दूर हुआ उहापोह : ब्राह्मण महासभा ने क्या जारी किया शारदीय नवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पढ़ें पूरी खबर 

माता का आगमन हाथी पर और विदाई नर वाहन से – वर्ष रहेगा शुभ व मंगलकारी, दो दिन पड़ रहा चौथी पूजा, और भी बहुत कुछ दिया गया जानकारी

Report by Nawada News Xpress / नवादा / सूरज कुमार

दुर्गा पूजा 2025 में शारदीय नवरात्रि को लेकर लोगों में काफी उहापोह की स्थिति बनी हुई थी। ऐसे में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने अहम बैठक करते हुए शुभ मुहूर्त जारी कर दिया है। बैठक की अध्यक्षता महासभा के अध्यक्ष श्याम सुंदर पांडेय और आध्यात्म भारती के अध्यक्ष मोहन पांडेय ने संयुक्त रूप से की। इस दौरान शारदीय नवरात्रि के आरम्भ से समापन तक का निर्णय लेते हुए जानकारी सार्वजनिक की गई।

हाथी पर माता दुर्गा का आगमन व नर वाहन पर होंगी विदा

महासभा के जिला प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी पंडित विद्याधर शास्त्री ने बताया कि 22 सितम्बर 2025 दिन सोमवार को प्रतिपदा प्रथम पूजा माता शैलपुत्री की पूजा के साथ प्रारम्भ होगी। उन्होंने बताया कि इस बार माता का आगमन हाथी पर सवार होकर होगा और 2 अक्टूबर दशमी को नर वाहन से विदा होगी। उन्होंने बताया कि इस बार माता दुर्गा के आगमन और प्रस्थान दोनों शुभ हैं। माता का आगमन हाथी पर होने से बेहतर बारिश और अच्छी फसल होगी तथा नर वाहन यानी इंसान के कंधे पर सवार होकर विदा होने के कारण पूरा साल शुभ रहेगा।

दोनों पंचांगों व निर्णय सिंधु के आधार पर निकाला गया समाधान

उन्होंने बताया कि 22 सितम्बर दिन सोमवार को प्रथम पूजा शैलपुत्री की होगी, जिसमें कलश स्थापना के साथ देर रात 1.20 बजे तक किया जा सकेगा। दूसरी पूजा 23 सितम्बर दिन मंगलवार को तथा तृतीय पूजा 24 सितम्बर दिन बुधवार को होगी। वहीं इस वर्ष चौथी तिथि की वृद्धि के कारण लोगों में उहापोह की स्थिति बनी हुई थी। ऐसे में महासभा ने बैठक आयोजित कर विचार विमर्श करते हुए दोनों पंचांगों व निर्णय सिंधु के आधार पर इसका समाधान निकाला, जिसमें बताया गया कि उक्त तिथि व समय के अनुसार कलश स्थापना व पूजा किया जाएगा।

नवरात्रि का तिथिवार कार्यक्रम

22 सितम्बर दिन सोमवार – प्रथम पूजा होगी। 23 सितम्बर दिन मंगलवार – द्वितीय पूजा होगी। 24 सितम्बर दिन बुधवार – तृतीया पूजा होगी। 25 सितम्बर दिन गुरुवार – चौथी तिथि की पूजा और पाठ होगा। 26 सितम्बर दिन शुक्रवार – चौथी पूजा की तिथि वृद्धि के कारण पंचमी का केवल कलश पूजा होगा व देवी के पाठकर्ता ब्राह्मण पूजा करेंगे, पाठ नहीं करेंगे। 27 सितम्बर दिन शनिवार – पंचमी सुबह 8.47 बजे तक है, इसके बाद षष्ठी प्रवेश होगा। संध्या बेला में भिमंत्रण किया जाएगा। 28 सितम्बर रविवार – षष्ठी पूजा के साथ माता कात्यायिनी की पूजा होगी।

29 सितम्बर सोमवार – सप्तमी पूजा सुबह 10.56 बजे तक होगी, जिसमें दुर्गा मंडप में माता की स्थापना व पट सूर्यास्त तक खोल देना है। इसके बाद महाष्टमी प्रवेश कर जाएगा। रात्रि 11.36 से 12.13 बजे तक निशाबलि रहेगी, जिसमें बलि प्रदान व रात्रि जागरण होगा। 30 सितम्बर मंगलवार – दोपहर 1.45 बजे तक महाष्टमी रहेगा। उदया तिथि में महाष्टमी पड़ने के कारण हर लोग इसी दिन महाष्टमी का व्रत करेंगे। जो लोग केवल महाष्टमी व्रत करेंगे वे लोग अगले दिन 1 अक्टूबर को सुबह सूर्योदय के साथ पारण करेंगे तथा जिनके यहां दुर्गा पाठ होता है, वैसे लोग 1 अक्टूबर को नवमी का हवन करने के बाद ही पारण करेंगे। 2 अक्टूबर गुरुवार – दिनभर विजयादशमी मनाई जाएगी। इस बार ब्राह्मण नक्षत्र में विजयादशमी पड़ना अत्यंत शुभ माना गया है। इसी दिन रावण वध का कार्यक्रम भी आयोजित होगा।

महासभा का संदेश

कुल मिलाकर इसबार का शारदीय नवरात्रि हर तरफ से शुभ और लाभदायक माना गया है। माता का आगमन और प्रस्थान दोनों ही मंगलकारी होने के कारण पूरे साल सुख-शांति और समृद्धि का वातावरण बना रहेगा। मौके पर महासभा के पांडेय अभिमन्यु कुमार, पंडित विद्याधर शास्त्री, लक्ष्मण पांडेय, परमानंद पांडेय, राजेन्द्र पांडेय, श्याम सुंदर पांडेय, शैलेन्द्र पांडेय, विष्णुदेव पांडेय, प्रियदर्शी जी तथा विनोद जी आदि शामिल थे।

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