पटना हाईकोर्ट ने पलटा निचली अदालत का फैसला, सभी आरोपी दोषमुक्त, स्वतंत्रता दिवस से पहले हुए स्वतंत्र– राजनीति में वापसी का रास्ता साफ
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार

इंट्रो पैराग्राफ:
राजनीति के गलियारों में भूचाल ला देने वाले बहुचर्चित नाबालिग बलात्कार मामले में 9 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद नवादा के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को आखिरकार न्याय मिला। पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन्हें और सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया। फैसले के साथ ही जहां समर्थकों में जश्न का माहौल है, वहीं राजनीतिक समीकरण भी बदलने लगे हैं।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से ठीक पहले नवादा के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को बहुचर्चित नाबालिग बलात्कार मामले में पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने 9 साल से चल रहे इस संवेदनशील केस में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया। यानि स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव स्वतंत्र हो गए।

2016 में लगा था आरोप, 2018 में मिली थी उम्रकैद की सजा
यह मामला 6 फरवरी 2016 का है, जब नालंदा जिला अंतर्गत रहुई थाना क्षेत्र की 15 वर्षीय किशोरी ने पूर्व विधायक पर यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया था। पुलिस जांच में नाम आने के बाद राजबल्लभ यादव की गिरफ्तारी के लिए कुर्की-ज़ब्ती की कार्रवाई तक की गई।

आत्मसमर्पण के बाद उन पर आईपीसी की धारा 376, 120बी, पोक्सो एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई। विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट, बिहारशरीफ ने 21 दिसंबर 2018 को उन्हें आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई थी।

हाईकोर्ट ने क्यों पलटा फैसला?
पूर्व विधायक ने इस सजा के खिलाफ 2019 में पटना हाईकोर्ट में अपील की। डबल बेंच ने पाया कि- अभियोजन पक्ष पीड़िता के आरोप साबित करने में नाकाम रहा, गवाहों के बयानों में गंभीर विरोधाभास पाया गया।साक्ष्य दोष सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं थे। लिहाजा न्यायालय ने कहा कि ऐसे मामलों में अभियुक्त को संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए, और इसी आधार पर सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी करने का आदेश पारित किया गया।

समर्थकों में जश्न, राजनीति में नई हलचल
फैसले के बाद नवादा में उनके आवास और कार्यालय पर समर्थकों की भीड़ जुट गई। पटाखे फोड़े गए, मिठाइयां बांटी गईं। समर्थकों ने कहा— “हम शुरू से जानते थे कि वे निर्दोष हैं। न्यायपालिका पर भरोसा था, और आज सच्चाई सामने है।” बता दें कि इस फैसले के साथ ही उनकी विधानसभा चुनाव में वापसी की संभावना भी प्रबल हो गई है।

9 साल की कानूनी लड़ाई का सफर
06 फरवरी 2016– कथित घटना की तारीख
09 फरवरी 2016– महिला थाना, बिहारशरीफ में मामला दर्ज
20 अप्रैल 2016– चार्जशीट दाखिल
06 सितंबर 2016– आरोप गठन
21 दिसंबर 2018– विशेष अदालत से उम्रकैद की सजा
14 अगस्त 2025– पटना हाईकोर्ट से बाइज्जत बरी

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