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नवादा में ऐसे संपन्न हुआ मजलिस-ए-उलेमा का 17वां वार्षिक चुनाव, जानें कौन बना अध्यक्ष, पढ़ें पूरी खबर

नगर के सरदार गार्डन में संपन्न हुआ सत्रहवां वार्षिक चुनाव, जिले भर के उलेमा और बुद्धिजीवी हुए शामिल, मौलाना अजमल कादरी बने मजलिस-ए-उलेमा के अध्यक्ष व अरशद सरदार हुए महासचिव निर्वाचित

Report by Nawada News Xpress

नवादा / सूरज कुमार

मजलिस उलेमा वल-उम्मा, नवादा जिला इकाई के सत्रहवें वार्षिक चुनाव में मौलाना अजमल कादरी को अध्यक्ष तथा अरशद सरदार को महासचिव निर्वाचित किया गया। यह चुनाव मतपत्र के माध्यम से संपन्न किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए उलेमा और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।

कारी अनवर जकी को सर्वसम्मति से कोषाध्यक्ष चुना गया। चुनाव का आयोजन नगर के अंसार नगर स्थित सरदार गार्डन होटल में किया गया, जिसकी अध्यक्षता मौलाना व मास्टर वसी अहमद सलफी ने संयुक्त रुप से की। कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यालय सचिव मुफ्ती इनायतुल्लाह कासमी ने किया, जबकि चुनावी प्रक्रिया को फैयाज अहमद सरफराज एडवोकेट ने संपन्न कराया। 

एक वर्ष का होगा कार्यकाल

यह चुनाव मुहर्रम 1447 हिजरी से ज़िलहिज्जा 1447 हिजरी (एक वर्ष) के कार्यकाल के लिए किया गया। इस अवसर पर मौलाना अबू सालेह नदवी रोह, मौलाना जहांगीर आलम कादरी, मुफ्ती सबाउद्दीन फलाही, सैयद अब्बास हुसैन, हाजी जुबैर आलम, सैयद इरशाद बल्खी, हशमत खान, प्रो अतीक अहमद और निहाल साबरी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।

वहीं, हसीब खान, शोएब रजा, जावेद अख्तर, मास्टर जाहिद, इम्तियाज आलम, फिरदौस खान, नौशाद आलम, सदरुल इस्लाम, नसीम बड़े बाबू और अब्दुल्ला आजम को सहायक सचिव बनाया गया।इसके अतिरिक्त हाफिज फजलुल हक, मौलाना सैयद अरशद अफजाली, मुबारक हुसैन, फखर आलम, खालिद उजैर कैफी, जावेद इकबाल दामरी, रकीब खान एडवोकेट, महफूज आलम, साजिद हुसैन अमनवान तथा मास्टर हाजी इफ्तिखार आदि को विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी गई।

मजलिस उलेमा जिले के सभी विचारधाराओं का है संयुक्त मंच- सलफी

मौलाना वसी अहमद सलफी ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि मजलिस उलेमा जिले के सभी विचारधाराओं का संयुक्त मंच है, जिसका गठन 2009 में इस्लामिक मूवमेंट ऑफ पाकिस्तान (आईएमपी) के तहत हुआ था। इस मंच ने बीते 16 वर्षों में जिले के सामाजिक, धार्मिक और कल्याणकारी कार्यों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। मौलाना जहांगीर आलम कादरी ने संगठन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि मुसलमानों को अपनी समस्याओं के समाधान को लेकर स्वयं आगे आना होगा और हर गांव-पंचायत को संगठन से जोड़ना होगा।

जरुरतमंदों को मदद करने वाला है यह संस्था

अबू सालेह नदवी ने बताया कि मजलिस उलेमा ने न सिर्फ गरीबों की मदद की है, बल्कि जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाएं भी पहुंचाई हैं। किसी भी अन्याय की स्थिति में संगठन ने प्रतिनिधिमंडल भेजकर कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई है। कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने वर्ष का वित्तीय रिपोर्ट, जबकि मुफ्ती इनायतुल्लाह कासमी ने संगठन के विभिन्न विभागों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।

सभा में मौलाना अजमल कादरी, शोएब रजा, शौकत रशीदी, गुलाम मुस्तफा, मास्टर शकील, सैयद इरशाद बल्खी, डॉ अब्दुल वाहिद, मास्टर रजा तस्लीम, मास्टर अली इमाम, मौलाना नौशाद जुबैर कासमी सहित दर्जनों विद्वानों और समाजसेवियों ने अपने विचार रखे। मौके पर हाजी यूनुस जान, मास्टर लईक अहमद, हाजी इमरान, जियाउल हक, डॉ. जावेद मुगल, प्रो. शमशाद अली, हाजी सनाउल्लाह, आरिफ खान तथा हाफिज नसीमुद्दीन सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

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