सरकारी व निजी क्लीनिक में बच्चों का चल रहा इलाज, भोजन में छिपकली गिरने की बात आ रही सामने, विभागीय लापरवाही की खुली पोल, विद्यालय के प्रधानाध्यापक कुछ भी बताने से कर रहे परहेज
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार

नवादा जिले के विद्यालयों में एमडीएम के नाम पर बच्चों को मौत परोसा जा रहा है। मध्यान भोजन में लापरवाही के कारण बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। विषाक्त मध्यान भोजन खाने से बच्चों के बीमार होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा मामला जिले के पकरीबरावां प्रखंड क्षेत्र के डुमरांवा मध्य विद्यालय का है।

मध्य विद्यालय में बनाये गये मध्याह्न भोजन खाने से कई बच्चे बीमार हो गये। वैसे मीनू के अनुसार भोजन न बनायें जाने की खबरें सामने आ रही है। बीमार दो बच्चों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया है, जबकि शेष बच्चों का इलाज निजी क्लीनिक में कराया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि विद्यालय में जैसे ही बच्चों ने मध्याह्न भोजन खाना आरंभ किया कि तभी कुछ बच्चों को चक्कर आना शुरू हो गया। बाद में जब बच्चों को मिलने वाली भोजन का जांच किया गया तो खाने में मरा हुआ छिपकली पाये जाने की बात सामने आई, जिसके बाद सभी के होश उड़ गए।

इस बात की सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी। आनन-फानन में अभिभावक अपने-अपने स्तर से बच्चों को इलाज कराने के लिए लेकर भागे। वहीं विद्यालय की छात्रा अर्पिता कुमारी व छात्र शिवम कुमार को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

इलाज कर रहे चिकित्सक डाॅ किशोर कुमार ने मीडिया को बताया कि मामला विषाक्त भोजन का है। समय पर अस्पताल आ जाने से दोनों बच्चों की हालत में सुधार हो रही है, बावजूद स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इधर, विद्यालय के प्रधानाध्यापक अजय कुमार इस मामले में कुछ बोलने से परहेज़ कर रहे हैं।

गौरतलब हो कि मध्यान भोजन में पूर्व से ही जिले भर के स्कूलों में गुणवत्ता की शिकायत होते रही है, बावजूद इसपर शिक्षा विभाग गंभीर नहीं हुआ है और जब कभी जांच की बारी आती है तो विभागीय अधिकारी शुभ-लाभ के चक्कर में खानापूर्ति कर दिया करते हैं।

बच्चों की थाली में विषाक्त भोजन मिलने की पूर्व में भी कई बार मामला सामने आ चूका है। इसबार बच्चों के खाने में छिपकली गिरने का मामला ने एमडीएम विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
