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कस्टम मिल्ड राइस आपूर्ति में मिलरों की लापरवाही आई सामने, 48 घंटे के अंदर कस्टम मिल्ड राइस की आपूर्ति नहीं करने वाले मिलरों के खिलाफ होगी कार्रवाई, पढ़ें पूरी खबर

कस्टम मिल्ड राइस की गुणवत्ता और मानकों के प्रति जिला प्रशासन हुआ सख्त, डीएम के निर्देश पर डीएसओ व डीसीओ ने विभिन्न राइस मिलों का किया निरीक्षण, दिए कई आवश्यक निर्देश

Report by Nawada News Xpress

नवादा / सूरज कुमार

नवादा डीएम रवि प्रकाश के निर्देशानुसार जिला आपूर्ति पदाधिकारी तथा जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से जिले के आधा दर्जन राइस मिलों का भौतिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि सभी मिलों में कस्टम मिल्ड राइस तैयार है। इस दौरान पदाधिकारी द्वय ने मिलों को यह निर्देश दिया गया कि वे कस्टम मिल्ड राइस की गुणवत्ता और मानकों के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित करें।

इसके साथ ही जिन मिलरों द्वारा कस्टम मिल्ड राइस की आपूर्ति में विलंब किया जा रहा है, उन्हें सख्त चेतावनी दी गई है। उन्होंने ऐसी मिलों को निर्देश दिया गया कि वे 48 घंटे के अंदर कस्टम मिल्ड राइस की आपूर्ति पूरी करें, अन्यथा उनके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और समय पर आपूर्ति मिले, अन्यथा किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं अनियमितता बर्दाश्त नहीं जायगी।

डीएम के पहल पर मीलरों द्वारा घटिया चावल आपूर्ति पर लग सकता है विराम
जिले के मिलरों द्वारा एसएफसी गोदाम तक चावल पहुंचाने का बंदरबाट कई सालों से चलता आ रहा है, परंतु डीएम रवि प्रकाश के निर्देश पर की गई जांच से गुणवत्ता में सुधार आने के आसार दिखने लगा है। गरीबों को मिलने वाली अनाज के पीछे इस पूरे बंदरबाट में पैक्स, मीलर और गोदाम प्रबंधक की भूमिका अहम होती है। पैक्सों द्वारा ग्रामीणों से सही धान खरीदकर मीलरों को दिया जाता है, जहां से घटिया चावल उपलब्ध कराकर गोदाम तक पहुंचा दिया जाता है,

जिसमें कम वजन के साथ घटिया अनाज उपलब्ध होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें गोदाम प्रबंधक चावल की जांच तक नहीं करते हैं और उसे पीडीएस दुकानदारों को यह कहकर वजन करते हुए अनाज का उठाव कराते हैं कि कम वजन को अगले माह में पूरा कर दिया जायगा। ऐसे में निचले स्तर के पीडीएस को अनाज वितरण का फजीहत झेलना पड़ता है। पीडीएस दुकानदार दुविधा में पड़कर लाभुकों को यह कहकर चला देते हैं कि बेहतर अनाज आने वाला है तब अनाज मिलेगा।

रोटेशन के आधार पर कैसे होती है कालाबाजारी
इसमें सबसे पहले पैक्स का दायित्व होता है कि वह किसानों से धान खरीदारी कर मीलरों में चावल बनाकर उसे गोदाम में देना, उसके बाद गोदाम प्रबंधक का काम होता है सही वजन कर उसे पीडीएस दुकानदारों को देना, लेकिन यहां मीलर पहले से घटिया चावल तैयार रखते हैं और उसे आपूर्ति कर अपनी जवाबदेही से मुक्ति पा लेते हैं। इस पूरे रोटेषन में उपर से नीचे तक सब की मिली भगत होती है। जिसपर प्रषासन के अधिकारी कभी गम्भीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन डीएम रवि प्रकाश के निर्देश पर मिलरों की जांच कराने से इसमें सुधार की उम्मीद दिखने लगी है।

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