आईआईएम बोधगया में आयोजित 7वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सूचना प्रबंधन का भविष्य व एक डेटा-संचालित और सुरक्षित दृष्टिकोण विषय पर की गई चर्चा, देश-विदेश के विश्वविद्यालयों से आये विशेषज्ञों ने लिया हिस्सा
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार

पूरी दुनिया में डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा एक बड़ी सवाल बन गई है। ऐसे में आईआईएम बोधगया ने डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा (डीएसीएस 2024) पर 7वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग के नेताओं को डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा की प्रगति पर चर्चा करने के लिए एकत्रित करना था।

अत्याधुनिक अनुसंधान एवं सुरक्षित और कुशल डेटा प्रबंधन प्रणालियों के व्यावहारिक निहितार्थों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, इस कार्यक्रम ने बौद्धिक आदान-प्रदान के लिए एक उत्तम मंच प्रदान किया। जहां इस सम्मेलन को विशेष प्रतिक्रिया मिली, जिसमें 190 से अधिक पत्र प्रस्तुत किये गये। इनमें से 64 पत्रों को सम्मेलन के समग्र विषय के अनुरूप 11 तकनीकी ट्रैकों पर प्रस्तुति के लिए चुना गया, जिससे इन विषयों पर गहन चर्चा और नवीन विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिला।

दुनिया भर के प्रतिष्ठित संस्थानों की भागीदारी को किया आकर्षित
डीएसीएस 2024 ने दुनिया भर के प्रतिष्ठित संस्थानों की भागीदारी को आकर्षित किया है। पूरे भारत में आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईएसईआर और टीआईएसएस से प्रतिभागिता देखी गयी। अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी में यूनाइटेड किंगडम से एबरडीन विश्वविद्यालय एवं न्यूकैसल विश्वविद्यालय; अमेरिका से उत्तरी टेक्सास विश्वविद्यालय, टेक्सास विश्वविद्यालय, सेंट्रल मिसौरी विश्वविद्यालय, वेन स्टेट यूनिवर्सिटी तथा नेब्रास्का-लिंकन विश्वविद्यालय, चीन से नानजिंग विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय सिडनी एवं मैक्वेरी विश्वविद्यालय तथा स्वीडन से उमेआ विश्वविद्यालय शामिल थे। वहीं यूनिटेड अरब एमिरेट्स, बांग्लादेश, पाकिस्तान और बहरीन के संस्थानों का भी सम्मेलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा।

आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ विनीता सहाय के नेतृत्व में चला दो दिवसीय सम्मेलन
आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ विनीता सहाय के नेतृत्व में सम्मेलन के पहले दिन की शुरुआत उद्घाटन समारोह के साथ हुई। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने सुरक्षित, डेटा-संचालित प्रणालियों को आकार देने में अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया। सम्मेलन के संयोजक डॉ दीपक पुथल और डॉ सामंत सौरभ ने अपनी परिचयात्मक टिप्पणियां दी। उद्घाटन के बाद मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, यूएसए के प्रो संजय के माड्रिया और आईआईएम इंदौर के प्रो प्रवीण कुमार पाणिग्रही द्वारा सम्बोधित किये गए दो आकर्षक मुख्य सत्रों का आयोजन किया गया।

सूचना प्रबंधन का भविष्य व एक डेटा-संचालित और सुरक्षित दृष्टिकोण विषय पर किया गया चर्चा
कार्यक्रम के दूसरे दिन ब्रिटेन के एबरडीन विश्वविद्यालय से प्रो प्रदीप शर्मा और आईआईएम रांची से प्रो नितिन सिंह द्वारा दो मुख्य सत्र प्रस्तुत किए गए। दिन का मुख्य आकर्षण- सूचना प्रबंधन का भविष्य व एक डेटा-संचालित और सुरक्षित दृष्टिकोण विषय पर एक पैनल चर्चा रही। संयोजकों द्वारा संचालित, चर्चा में प्रोफेसर प्रवीण पाणिग्रही (आईआईएम इंदौर), प्रोफेसर नितिन सिंह (आईआईएम रांची), प्रो मदन लाल यादव (आईआईएम बोधगया), प्रो बौधायन गांगुली (आईआईएम बोधगया) और प्रो प्रदीप शर्मा (एबरडीन विश्वविद्यालय) जैसे प्रतिष्ठित पैनलिस्ट शामिल रहे। इस कार्यक्रम का समापन एक जीवंत सांस्कृतिक शाम के साथ हुआ, जिसमें भारत की समृद्ध विरासत और विविधता का प्रदर्शन किया गया।

सर्वश्रेष्ठ शोधपत्रों को किया गया पुरस्कृत
सम्मेलन के अंतिम दिन आईआईटी पटना से प्रो सोमनाथ त्रिपाठी और एनआईटी पटना से प्रो प्रभात कुमार द्वारा दो मुख्य भाषण सत्र प्रस्तुत किए गए। सम्मेलन का समापन विदाई सत्र के साथ हुआ, जिसके दौरान डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हुए सर्वश्रेष्ठ शोधपत्रों को पुरस्कृत किया गया। गौरतलब हो कि डेटा एनालिटिक्स और

साइबर सुरक्षा पर 7वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (डीएसीएस 2024) एक सफल कार्यक्रम रहा, जिसमें शोधकर्ताओं, विद्वानों और उद्योग पेशेवरों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया गया। इस आयोजन ने विचारों के आदान-प्रदान, ज्ञान साझा करने एवं डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा में समकालीन चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है।

