पड़ोसी युवक निकला वहशी दरिंदा, 37 दिनों बाद नाबालिग को नवादा लाकर छोड़ा, न्याय के लिए पीड़ित परिवार काट रहे एसपी कार्यालय का चक्कर
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार

नवादा से सनसनी फैलाने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। नगर थाना क्षेत्र से एक मासूम नाबालिग का 37 दिनों पूर्व अपहरण कर हवस का शिकार बनाया गया है। इंसानियत को झकझोरने वाली इस घटना पर अभी तक पुलिस की कार्रवाई सवाल के घेरे में है। हैवानियत का शिकार हुई पीड़िता व उसके परिवार न्याय के लिए एसपी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।

आलम यह है कि पीड़िता व उसके परिवार को अब धमकी मिलने लगा है, बावजूद पुलिस उस वहशी दरिंदा को गिरफ्तार करने में विफल साबित हो रही है। इतना ही नहीं गलत बयान देने के लिए तरह-तरह की यातनायें भी दी जा रही है। दरअसल यह मामला नगर थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले का बताया जा रहा है, जहां पड़ोसी मो शौकत रसीदी का पुत्र मो साहब ने मासूम नाबालिग का अपहरण कर कोलकाता, विशाखापटनम तथा रांची में ले जाकर एक कमरे में बंद कर नशे की गोली देकर उसके साथ महीनों तक दुष्कर्म करता रहा।

दुष्कर्म के आरोपी युवक नगर थाना क्षेत्र के भदौनी राजा नगर मोहल्ले का रहने वाला है और आरोपी दो बच्चे का बाप भी है। इस घटना को लेकर पीड़िता के पिता में नगर थाना में आवेदन भी दिया, परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी 12 वर्षीय बेटी एक निजी स्कूल में पांचवी की छात्रा है।

उनका आरोप है कि 27 अक्टूबर की देर शाम उनकी बेटी बगल के राशन दुकान से कुछ खरीदने निकली थी, लेकिन काफी देर बीत जाने के बाद जब बेटी घर नहीं लौटी, तब परिजनों को चिंता होने लगी। पीड़ित परिवार ने बताया कि पड़ोस के मो साहब पर बेटी का अपहरण करने का शक हुआ, जिसके बाद नगर थाना में मामला दर्ज करवाया।

37 दिन बाद नवादा में पीड़िता को छोड़ अपहरणकर्ता हुआ फरार
37 दिनों बाद 3 दिसंबर को आरोपी मो साहब पीड़िता को शहर के सद्भावना चौक पर छोड़कर भाग निकला। महीने बाद जब मासूम बच्ची अपने घर पर पहुंची तो, उसकी हालत देखकर परिवार के लोग हक्का-बक्का रह गए। पूछताछ करने पर पीड़िता ने अपने परिवार को पूरी घटना बताई। पीड़ित मासूम ने बताया कि पड़ोसी युवक मो साहेब ने अपहरण कर नशा का दवा आदि खिलाकर दरिंदगी किया करता था।

इतना ही नहीं धमकी दिया जाता था कि किसी को कुछ बताया तो परिवार को जान से मार देंगे। घटना के इतने दिनों बाद भी पुलिस दुष्कर्म के दोषी को अबतक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पीड़ित परिवार न्याय की मांग को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। पीड़ित परिवार डीएम रवि प्रकाश और एसपी से न्याय के साथ-साथ जान माल की सुरक्षा की भी गुहार लगा रहे हैं।

पीड़िता ने केस के आईओ सतीश कुमार सिंह के कार्यशैली पर भी कई गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने बताया कि केस के आईओ सतीश कुमार द्वारा न्यायलय में पेशी के बाद मेरी उम्र छिपाने के लिए न्यायाधीश के समक्ष 19 साल बताया गया, जबकि हमारा उम्र आधार कार्ड के मुताबिक 12 साल है।

बता दें कि एक तरफ पुलिस स्कूलों में जाकर बेटियों की सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इंसानियत को कलांकित करने वाले वहशी दरिंदों बचाने में जुटी है। ऐसे में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभियान महज छलावा साबित हो रहा है।
