देर रात सदर अस्पताल निरीक्षण करने पहुंची सीएस ने सिक्योरिटी गार्ड घोटाला का किया उजागर, कहा व्यापक पैमाने पर हो रहा सुरक्षा गार्ड के नाम पर राशि की लूट, खुली सुरक्षा कर्मियों के मानदेय भुगतान की पोल, जांच में कई गार्ड ड्यूटी से मिले नदारत
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार

नवादा जिले के सदर अस्पताल में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया, जब सोमवार की देर रात्रि सिविल सर्जन डॉ नीता अग्रवाल सदर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची। निरीक्षण के दौरान अस्पताल की सुरक्षा में लगे कई गार्ड गायब मिले। इसके बाद सुरक्षा गार्ड से जुड़ी कई खामियां भी मिली।

जिले के सदर अस्पताल में सुरक्षा गार्ड के वेतन भुगतान के नाम पर व्यापक पैमाने पर राशि का घोटाला किये जाने का मामला सामने आया है। यह घोटाला सुरक्षा गार्ड कंपनी के द्वारा किये जाने के मामले का खुलासा हुआ है। इस मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब सीएस श्रीमती अग्रवाल द्वारा औचक निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के क्रम में सदर अस्पताल परिसर में निजी एम्बुलेंस देख सिविल सर्जन ने सुरक्षा कर्मियों की जमकर फटकार लगाई। निरीक्षण बाद सिविल सर्जन ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने से लेकर भुगतान करने तक की जिम्मेवारी कंपनी की है, इसलिए पता नहीं उन्हें कितनी राशि भुगतान किया जाता है,

लेकिन जब उन्होंने सुरक्षा गार्ड के रजिस्टर की जांच की तो उसमें 23 सुरक्षा गार्डों में मात्र 11 सुरक्षा गार्ड ही ड्यूटी पर पाये गये। इसके बाद जब पूछताछ की गई तो पता चला कि 12 गार्ड ड्यूटी पर आये ही नहीं। वहीं जब उनके तनख्वाह की जानकारी ली गई तो उसमें तनख्वाह घोटाला उजागर हुआ। सीएस ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रति सुरक्षा गार्ड 14 हजार रूपये कम्पनी को भेजा जाता है,

लेकिन यहां बहाल गार्ड को नगद मात्र 5 हजार रूपये और एक हजार रूपये ईपीएफ में कटता है। उन्होंने कहा कि किसी भी कम्पनी में कर्मियों का वेतन भुगतान बैंक खाता से होता है, परंतु यहां वेतन के नाम पर नगद राषि भुगतान किया जाना घोटाला की पोल खोल रही है। उन्होंने मांग किया सुरक्षा गार्ड के वेतनों का भुगतान उनके बैंक खाता में होना चाहिए तथा ईपीएफ की भी जानकारी समय-समय पर उन्हें दी जानी चाहिए।

कौन कंपनी उपलब्ध करा रही है सुरक्षा गार्ड
सदर अस्पताल सहित पूरे जिले के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था है। सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी एलिट फाल्कन सिक्योरिटी कंपनी को सौंपी गई है। सदर अस्पताल में कुल 55 सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गयी है।

घोटाला के बाद भी छह माह से नहीं किया जा रहा मानदेय का भुगतान
सुरक्षा गार्ड को प्रतिमाह 14 हजार रुपये भुगतान किया जाना है, लेकिन उन्हें मात्र 5 हजार रुपये ही भुगतान किया जाता है। इस प्रकार प्रतिमाह प्रति सुरक्षा गार्ड 9 हजार रुपये का घोटाला कम्पनी द्वारा किया जा रहा है।

इस बात सीएस कार्यालय में तैनात सुरक्षा गार्ड दीपक कुमार व रंजू कुमारी ने बताया कि राशि बैंक खाते के बजाय नगद भुगतान किये जाने से बड़ा घोटाला हो रहा है। उन्होंने कहा कि छह माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
