परशुराम जयंती भी मनाया जाता है इसी दिन, अक्षय तृतीया को लेकर जेवर दुकानों की गई विशेष तैयारी
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
अक्षय तृतीया प्रत्येक वर्ष वैशाख शुक्लपक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इस दिन भगवान के छठे स्वरूप के रूप में परशुराम जी का जन्म रोहिणी नक्षत्र में एक ब्राह्मण ऋषि के यहां हुआ था। उस समयावधि में सहस्त्राबाहू अत्याचारी क्षत्रिये वंश के अत्याचार से पृथ्वी त्रस्त थी,

चारों ओर भय, अत्याचार तथा धर्मलोप होते जा रहा था, तब भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में आकर भगवान परशुराम ने 21 बार अत्याति क्षत्रियों का सत्यानास कर पृथ्वी पर पुनः धर्म की पतारखा को लहराया था।

धर्म शास्त्र के अनुसार इस वर्ष 10 मई शुक्रवार को अक्षय तृतीया मनाया जा रहा है। इसी दिन परशुराम जयन्ती भी दिन मनाया जाता है। अक्षय तृतीया को लेकर नगर के प्रसिद्ध जेवर दुकान सागरमल ज्वेलर्स, तुलसी ज्वेलर्स तथा हनी ज्वेलर्स जैसे प्रतिष्ठानों में ग्राहकों के लिए विशेष तैयारी की गई है।

क्या है धार्मिक महत्व
ब्राह्मण महासभा के पंडित विद्याधर शास्त्री बताते हैं कि इस दिन का धार्मिक महत्व के अनुसार गंगा स्नान अन्य तिर्थों में जन्मसिद्धि फल प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि प्रातः विष्णु जी परशुराम जी या शालिग्राम की पूजा पंचोपचार विधि से करें तो इसका अक्षय फल प्राप्त होगा, जो धर्म कभी भी क्षय नहीं होता है।

मरणोपरान्त भी यह साथ जाता है। इस दिन भगवान के द्वादशाक्षरी मंत्र का जाप- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन कुम्भ दान, जल, मिश्रित घड़ा, पंखा, बेलफल, ब्राह्मण भोजन व वस्त्र आदि दान करना शुभ माना गया है।

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना होता है शुभ
ब्राह्मण विद्याधर पांडेय बताते हैं कि इस दिन सोना खरीदना अति शुभ माना गया है और इसका विशेष महत्व है। उन्होंने सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त के बारे में बताया कि

प्रातः 5.40 बजे से प्रातः 7.45 तक, दोपहर 12.15 से दोपहर 2.32 बजे तक तथा शाम 6.50 से रात्रि 9-15 बजे तक सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त है, साथ ही अन्य वस्तु यानि वाहन आदि खरीद खरीदना भी शुभ माना गया है।
