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नवादा में कैसे असंभव को संभव कर दिया न्यूरोसर्जन डॉ ब्रजेश ने, पढ़ें पूरी खबर 

धर्मशीला देवी हॉस्पिटल में डॉ ब्रजेश ने ब्रेन का हड्डी पेट में रखकर किया चौंकाने वाला ऑपरेशन, जटिल ब्रेन सर्जरी कर मरीज की बचाई जान

Report by Nawada News Xpress 

नवादा / सूरज कुमार 

नवादा के धर्मशीला देवी हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जन डॉ ब्रजेश ने चौंकाने वाला इलाज कर असम्भव को सम्भव ही नहीं बनाया, बल्कि मरीज को भी स्वास्थ्य कर दिया। आम तौर पर किसी भी इंसान का ब्रेन सर के हड्डी के भीतर होता है, पर जरा सोचिये अगर सर के हड्डी को पेट के भीतर रखा गया हो तो….मेडिकल साइंस में भी कभी-कभी ऐसा चमत्कार होता है जिसे कर दिखाया धर्मशीला देवी हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जन डॉ ब्रजेश कुमार ने।

दरअसल, नारदीगंज निवासी 23 वार्षिय अनुज कुमार को जब धर्मशीला देवी हॉस्पिटल लाया गया तब वह कोमा में थे। वे एक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी हो गये थे। न्यूरोसर्जन डॉ ब्रजेश कुमार और ट्राउमा टीम ने तुरंत उसका उपचार शुरू कर दीया। सीटी स्कैन से पता चला कि उसके मस्तिष्क के भीतर के हिस्से में गंभीर चोट लगी है।

मरीज की जान बचाने के लिए डॉ ब्रजेश और उनकी ट्राउमा टीम ने तुरंत सर्जरी का निर्णय लिया। सर्जरी के दौरान पाया गया कि ब्रेन का प्रेशर काफ़ी बढ़ा हुआ था, जिससे मरीज के जान को खतरा हो सकता था। तब न्यूरोसर्जन डॉ ब्रजेश ने सबको आश्चर्यचकित करने वाला निर्णय लिया। उन्होंने मस्तिष्क के चोटिल वाले हिस्से की हड्डी को हटाया ताकि ब्रेन के प्रेशर को संतुलित किया जा सके। 

उन्होंने सर से हटाए गए हड्डी को मरीज के पेट के अंदर रखा। डॉ ब्रजेश ने बताया कि ऐसा इस लिए किया गया, ताकि हड्डी शरीर का हिस्सा होने के कारण ख़राब ना हो। पेट के अन्दर रखने से हड्डी में इन्फेक्शन नहीं होता और हड्डी को जरुरी पोषक तत्व मिलता रहता है। मरीज कि हालत में जब सुधार हुआ तब दुबारा सर्जरी का निर्णय लिया गया। इसबार मरीज के पेट के अन्दर रखी हड्डी को निकाल कर दुबारा सर के उसी हिस्से में सफतला पूर्वक जोड़ दीया गया।

मरीज अब बिलकुल स्वस्थ है और बात करने पर उसने कहा कि धर्मशीला देवी अस्पताल के डॉक्टर्स उसके लिये भगवान से कम नहीं हैं, जिन्होंने उसे एक नयी जींदगी दी है। मरीज के पिता सतीश चौहान ने कहा कि वह काफ़ी खुश हैं कि उनका बच्चा बिलकुल ठीक हो गया है। उन्होंने डॉ ब्रजेश की सराहना करते हुए कहा कि जब उनका लड़का अस्पताल में आया था तब कोमा मे था,

लेकिन अब खुशी हो रही है कि वह अपने लड़के को स्वस्थ्य अवस्था में घर ले जा रहे हैं। न्यूरोसर्जन डॉ ब्रजेश ने कहा कि यह एक जटिल सर्जरी था और यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि पुरे दक्षिण बिहार मे धर्मशीला देवी हॉस्पिटल ही एक ऐसा अस्पताल है जहां इस तरीके के ऑपरेशन के लिए सारे आधुनिक उपकरण, विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम और कुशल नर्सिंग स्टॉफ के साथ सारी सुविधा मौजूद हैं।

उन्होंने कहा कि इस सर्जरी को सफल बनाने में डॉ ज्योति सिन्हा का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। अस्पताल के चेयरमैन अविनाश कुमार ने जटिल सर्जरी कर मरीज की जान बचाने के लिये डॉक्टर्स और पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि आगे भी अस्पताल इस तरीके का सेवा प्रदान करता रहेगा।

उन्होंने कहा कि मरीजों को इलाज के लिये अब बाहर जाने की जरुरत नहीं है, क्योंकि दूसरी जगहों से बेहतर सुविधा अब धर्मशीला देवी हॉस्पिटल में मौजूद है। उन्होंने ने ये भी कहा कि अब आयुष्मान सेवा उपलब्ध होने के कारण, सभी लोग जिनके पास राशन कार्ड या आयुष्मान कार्ड हो तो इसका लाभ उठा सकते हैं।

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