आठ अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर बना महासंयोग, हिन्दी नववर्ष के साथ 9 अप्रैल से शुरू होगा चैत नवरात्रि
12 अप्रैल को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा चार दिवसीय चैती छठ
17 अप्रैल को मनाया जायेगा रामनवमी, ब्रहम्मण महासभा ने जारी किया व्रत-त्योहारों का शुभ मुहूर्त
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह के बाद से हिन्दी नववर्ष शुरू हो रहा है, जिसके साथ ही चैत नवरात्रि, चैती छठ तथा रामनवमी का पर्व भी मनाया जायेगा। वहीं 8 अप्रैल को सोमवती अमावस्या का महासंयोग भी है।

इसके अलावा 14 अप्रैल को बिसुआ यानि सतुआनी का पर्व भी मनाया जायेगा। इसको लेकर जिले के ब्राह्मण महासभा ने बैठक आयोजित कर तिथिवार व्रत-त्योहारों के शुभ मुहूर्त जारी किया है। महासभा के प्रवक्ता पंडित विद्याधर पांडेय ने बताया कि अप्रैल माह में 8 अप्रैल सोमवती अमावस्या है,

जिसमें ऐन्द्र नाम का महासंयोग बन रहा है, जो देवताओं के राजा इंद्र का योग है। पंडित जी बताते हैं कि चैत शुक्ल पक्ष में भगवान इंद्र का सोमवती अमावस्या विरले ही लगता है, ऐसे में इस व्रत को करने वालों की हर मनोकामनाएं पूरी होगी, यह काफी शुभ माना गया है।

वहीं 8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण भी लग रहा है, जिसका कोई भी सूतक प्रभाव भारत में नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि यह सूर्य ग्रहण भारत के बाहर विदेशों में लग रहा है। उन्होंने बताया कि 9 अप्रैल को हिन्दी नववर्ष का शुभारम्भ शक् संवत 2081 व विक्रम संवत 1946 के साथ मंगलवार को हो रहा है।

इसके साथ ही 9 अप्रैल से चैत नवरात्रि का भी शुभारम्भ हो जायेगा। उन्होंने बताया कि 12 अप्रैल से नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय चैती छठ प्रारम्भ हो जायेगा, जिसके बाद 13 अप्रैल को खरना, 14 अप्रैल को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्यदान किया जायेगा

तथा 15 अप्रैल को उदयीमान भगवान भास्कर को अर्ध्यदान कर पारण किया जायेगा। इसके अलावा 17 अप्रैल को रामनवमी का त्योहार मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसी बीच 14 अप्रैल को बिसुआ यानि सतुआनी का भी व्रत लोग मनायेंगे।

पंडित विद्याधर पांडेय ने ब्राह्मण महासभा द्वारा जनहित में जारी की गई उक्त पर्व त्योहारों को लेकर कहा कि इसमें किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं है। जो लोग मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से भ्रमजाल में पड़े हैं उनको संदेश के रूप में यह जानकारी दिया गया है।
