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वन विभाग की लापरवाही- आखिरकार कहां से आया जंगली हाथी, 2007 व 2021 की घटना का दिलाया याद, पढ़ें पूरी खबर 

वन विभाग ने किया अपील रहें सचेत, ग्रामीणों में कोहराम
2007 में रजौली के जंगलों में तथा 2021 में सिरदला के जंगल में जंगली हाथी ने मचाया था तांडव, सिरदला में एक मासूम सहित चार की गई थी जान
Report by Nawada News Xpress

नवादा / सूरज कुमार

नवादा जिले के रजौली थाना क्षेत्र के हरदिया जंगल में एक हाथी देखा गया है जिसके बाद लोगों में दहशत का माहौल कायम हो गया है। वन विभाग के डीएफओ के द्वारा हाथी को भगाने की कोशिश की जा रही है। बताया जाता है कि झारखंड के जंगली क्षेत्र से ये हाथी भटककर नवादा आ गया है। हाथी को आबादी से दूर रखने के लिए वन विभाग की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है। झारखंड से हाथी को जंगल में वापस भगाने के लिए टीम देर रात से ही भागने की कोशिश कर रही है, ताकि हाथी को पुनः जंगल की तरफ लौटाया जा सके।

विशेष परिस्थिति में हाथी को ट्रंकलाइज किया जा सकता है। वन विभाग के डीएफओ संजीव रंजन ने कहा कि हाथी के द्वारा कोई नुकसान अभी तक नहीं पहुंचाया गया है। उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से अपील किया कि हाथी को देखकर कोई भी लोग हाथी पर पथराव ना करें। हाथी अगर किसी को नजर आती है तो इसकी सूचना जरूर दें। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह सचेत हैं। वन विभाग के द्वारा देर रात से ही हाथी के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।

वन विभाग की लापरवाही- आखिरकार कहां से आया जंगली हाथी, 2007 व 2021 की घटना को दिलाया याद
नवादा में वन विभाग की लापरवाही से जंगली हाथी का तांडव आये दिन जिले के झारखंड सीमावर्ती क्षेत्रों में मचा रहता है, जिसका ताजा उदाहरण रजौली के हरदिया गांव की है। तीन साल पूर्व सिरदला के आबादी वाले क्षेत्र में घुसकर ग्रामीणों को मौत के घाट उतार देने की घटना हो चुकी है।

यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी 2007 में रजौली के जंगल में जंगली हाथी का तांडव ने कई लोगों की जानें ले चुका है। उन दिनों भी वन विभाग अपनी सफाई देकर पलड़ा झाड़ लिया था, लेकिन यहां ऐसे जंगली जानवरों से निपटने के लिए वन विभाग के पास आज भी कोई संसाधन नहीं है। वन और पर्यावरण के साथ-साथ जंगली पशु पक्षियों की सुरक्षा भी बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन विभाग के अधिकारी इन दिनों अपनी जवाबदेही से भटक कर माइंस की कार्रवाई में जुटे हैं।

26 फरवरी 2021 को सिरदला में जंगली हाथी के तांडव ने एक मासूम सहित चार लोगों की जानें ले चुकी है। उन दिनों बेमौत मारे गये ग्रामीणों का जिम्मेदार वन विभाग को ग्रामीणों ने बताया था। उन दिनों वन विभाग ने हाथी को झारखंड के जंगल में खदेड़ने की गलत मैसेज लोगों को देकर अपना पलड़ा झाड़ लिया था, लेकिन वह जंगली हाथी मौत का कहर बनकर सिरदला से नारदीगंज थाना क्षेत्र में पहुंच गया। फिर क्या था देखते ही देखते एक गांव से दूसरे गांव तांडव मचाते हुए मौत का आतंक मचाने लगा था।

जंगली हाथी इतना उग्र था कि इंसानों को देखते ही वह उसपर टूट पड़ रहा था। किसी को अपने सुंढ़ में लपेट लेता था तो किसी को पैरों से कुचलकर सदा के लिए मौत की नीद सुलाए जा रहा था। गांव के खेत खलिहान से लेकर घरों तक नुकसान पहुंचाता रहा, परंतु इसके लिए बहाल वन विभाग ने न तो हाथी को पकड़ने का प्रयास किया और ना ही उस मदमस्त हाथी को खदेड़ने की कोशिशें की थी।

जंगली हाथी को पकड़ने बंगाल, भागलपुर, पटना व गया से पहुंची थी टीम
वर्ष 2021 में जंगली हाथी को पकड़ने के लिए बंगाल के बांकुड़ा, भागलपुर, पटना व गया से टीम नवादा पहुंची थी। बताया जाता है कि झारखंड के जंगल से ही हाथी नवादा के जंगल में भटक कर घुस जाते हैं। यह भी कहा जाता है कि हाथी पागल नहीं रहता है, वह झुंड से भटक कर इंसानी इलाकों में आने से बौखला जाता है। गौरतलब हो कि 2007 में भी झारखंड के चतरा से भटक कर आया जंगली हाथी ने रजौली में तांडव मचाया था, जिसमें कई लोगों के घरों को तहस नहस कर दिया था।


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