बालू घाट की निबंधन से विभाग को है लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्ति की उम्मीद
वित्तीय वर्ष 2023-24 का लक्ष्य 119.32 करोड़ के विरूद्ध 71.50 करोड़ ही हुई प्राप्ति
निबंधन विभाग में एमभीआर 2016 के बाद रिवाईज नहीं होने से लक्ष्य पूरा करने में हो रही कठिनाई
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
बीते साल के नौ माह में नवादा निबंधन विभाग अपने लक्ष्य से 40 प्रतिशत पीछे है, जबकि लक्ष्य प्राप्ति में मात्र तीन माह ही शेष बचे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि हर साल विभाग का लक्ष्य बढ़ा दिया जाता है, परंतु एमभीआर 2016 के बाद से रिवाईज नहीं किये जाने से लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो गया है।

वैसे खनन विभाग के बालू घाट लीज से निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा राजस्व प्राप्ति की सम्भावना बनी है। विभाग को इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में वार्षिक लक्ष्य 119.32 करोड़ निर्धारित है, जिसके विरूद्ध दिसंबर माह तक 71.50 करोड़ ही राजस्व की प्राप्ति हुई है।

इसमें नवादा सदर अनुमंडल का लक्ष्य 90.08 करोड़ के विरूद्ध 55 करोड़ की प्राप्ति हुई, वहीं रजौली अनुमंडल का लक्ष्य 29.24 करोड़ के विरूद्ध 16.50 करोड़ की प्राप्ति हुई है। इस लिहाज से नवादा सदर अनुमंडल को निर्धारित लक्ष्य का 61 प्रतिशत व रजौली अनुमंडल को निर्धारित लक्ष्य का 56 प्रतिशत ही राजस्व प्राप्त हुआ है,

जिसका कुल 60 प्रतिशत पूरे जिले के लक्ष्य में राजस्व की प्राप्ति हुई है, कुल मिलाकर पिछले नौ माह में जिले भर से मात्र 60 प्रतिशत ही राजस्व की प्राप्ति हो सकी है। एमभीआर की बात करें तो इसमें निबंधन शुल्क क्षेत्राधारित निर्धारित किया जाता है, इससे नये दर के आधार पर लोगों को निबंधन शुल्क देना होता है। परंतु लम्बे समय से एमभीआर का रिवाईज नहीं होने के कारण लक्ष्य में कठिनाई उत्पन्न हो रही है।

बीते साल क्या हुआ बदलाव
बीते साल 2023 में विभाग के अंदर कुछ बदलाव भी किया गया, जिसमें मॉडल डील को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही ई-स्टाम्प और ई-कोर्ट फीस के लिए को-ऑपरेटिव बैंक को अधिकृत कर दिया गया है। बताया जाता है कि यह व्यवस्था पूर्व में प्राइवेट कम्पनी के माध्यम से चलाया जा रहा था, जिसे बदलकर अब को-ऑपरेटिव बैंक को सौंप दिया गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी
जिला निबंधन पदाधिकारी नीलेश कुमार ने बताया कि जिले में 31 मार्च तक 2023-24 के लक्ष्य को पूरा करना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। खनन विभाग के बालू घाटों के निबंधन से बड़ी राजस्व की प्राप्ति होने की सम्भावना बनी है। अभी तक बालू घाटों के लीज का निबंधन नहीं हुआ है, मार्च तक बालू घाटों का निबंधन होने की सम्भावना है।

उन्होंने कहा कि एमभीआर 2016 के बाद से रिवाईज नहीं होने के कारण राजस्व का लक्ष्य पूरा करने में परेशानी हो रही है। विभाग को सबसे अधिक जमीन निबंधन से राजस्व की प्राप्ति होती है। इसके अलावा पुराने दस्तावेजों की मूल प्रतिलिपि, नन इनकमब्रेन सर्टिफिकेट तथा मैरेज सर्टिफिकेट से विभाग को राजस्व की प्राप्ति होती है।
