सड़क पर आगजनी कर केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर किया नारेबाजी, बसों के परिचालन ठप रहने से बीए की परीक्षा दे रहे छात्रों की बढ़ी परेशानी
गुस्साए चालक बाइक के चलने पर भी लगाई रोक, पांच-छह किलोमीटर पैदल चलकर परीक्षा देने पहुंचे छात्र, चक्का जाम से बाजार पर भी पड़ रहा असर
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के विरोध में तीन दिवसीय देश व्यापी सांकेतिक हड़ताल दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा। केन्द्र सरकार के प्रति वाहन चालाकों का गुस्सा सातवें आसमान पर रहा। जिले से गुजरने वाली एनएच-20 सहित जिले के सभी सड़क मार्गो पर वाहन चालक मंगलवार की सुबह से ही सड़क पर उतरकर सड़क पर आगजनी करते हुए केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे।

वाहन चालकों ने सड़क मार्ग को बांस से घेरकर बाइक को भी चलने से रोक दिया। आंदोलनकारियों ने कई जगहों पर ट्रकों को खड़ा कर सड़क जाम कर दिया। एनएच-20 पर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नहर पर, शहर के भगत सिंह चौक, जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मुड़लाचक तीन मुहानी, लीला बिगहा, भुआलचक तथा वारिसलीगंज कतरडीह मार्ग पर झौर मोड़ के पास सड़क जाम कर वाहनों का परिचालन पूर्णरूपेण ठप कर दिया।

इतना ही नहीं निजी चार पहिया वाहन को भी नहीं चलने दिया जा रहा है। ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिल रही है। हड़ताल के कारण प्राइवेट विद्यालयों में छुट्टी दे दी गई। चालकों का हड़ताल का असर यह रहा कि नए साल का जश्न मनाने के लिए लोग बाहर नहीं जा सके। इसके अलावा बीए पार्ट थर्ड का परीक्षा दे रहे छात्र व छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। छात्रों को चार से छह किलोमीटर पैदल चलकर परीक्षा देने पहुंचना पड़ा।

दरअसल, नए कानून के तहत अगर कोई बस, ट्रक तथा डंपर सहित अन्य वाहन चालक किसी को कुचल कर भागता है, तो उसे 10 साल की जेल और सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। इसी कारण वाहन चालकों ने इस काला कानून के विरोध में देश के अधिकांश राज्यों में हड़ताल कर दी है। सड़क जाम कर रहे चालकों ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार इस काले कानून को वापस ले। उन्होंने कहा कि एक्सीडेंट की घटना चालक कभी भी जानबूझकर नहीं करते हैं। वाहन चालक के विरूद्ध एक्सीडेन्ट करने पर कानून में किये गए संशोधन को निरस्त किया जाए।

कहा गया कि दुर्घटना के बाद चालक मौके से नहीं भागे तो जमा हुई भीड़ मारपीट करने के साथ कई बार जान तक ले लेती है। वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा जो जुर्माना और सजा का प्रावधान किया गया है, उसमें गरीब ड्राइवर कहां से जुर्माना भरेंगे और दस साल की सजा होने पर परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा। उक्त लोगों ने सामूहिक रूप से नए कानून में संशोधन करने की मांग की है। इधर, बिना पूर्व सूचना के की गई चक्का जाम हड़ताल की वजह से यात्रियों को भरी परेशानी उठानी पड़ रही। कड़कड़ाती सर्दी में यात्रियों को बस स्टैंड से वापस लौटना पड़ रहा है। रोडवेज और प्राइवेट बस संगठन का कहना है कि यह हड़ताल प्रदेश स्तर पर की जा रही है और जब तक केन्द्र सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगा।

हड़ताल के कारण निजी विद्यालयों में छुट्टी
हिट एंड रन के नए कानून का विरोध से कई चिजों पर हड़ताल का असर पड़ रहा है। वाहन चालकों का हड़ताल का समर्थन निजी विद्यालय के बस चालकों ने भी किया है। निजी विद्यालय के बस व अन्य वाहन के चालक भी हड़ताल पर चले गए, जिससे विद्यालय संचालकों को मजबूरन विद्यालय को बंद करना पड़ गया। हड़ताल के कारण पेट्रोल पम्प पर भी असर पड़ रहा है। जिले के लगभग पेट्रोल पम्प पर डीजल और पेट्रोल नहीं है का बोर्ड लटका हुआ है।

प्रतिदिन उपयोग होने वाले घरेलु सामान पर भी पड़ रहा असर
वाहन चालकों के हड़ताल से सिर्फ यात्रियों की ही परेशानी नहीं हो रही है, बल्कि हड़ताल का असर प्रतिदिन घर में उपयोग होने वाले सामानों पर भी पड़ रहा है। चालकों का हड़ताल और वाहनों का परिचालन बंद होने के कारण सब्जी का किमत आसमान छुने लगी है। टमाटर तथा गोभी सहित अन्य सब्जियों की कीमत भी बढ़ गई है।
