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नवादा के लाल व भारत मां के सपूत चंदन की शहीद का क्या है दास्तान, पढ़ें पूरी खबर 

जम्मु कश्मीर के पुंछ में नवादा के लाल हुए शहीद, पूर्व से घात लगाए आंतकियों ने सैन्य वाहन पर किया था हमला
नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के नारोमुरार गांव का रहने वाला चंदन ने भारत मां की सुरक्षा करते अपनी जान की दे दी आहूति
परिवार के साथ पूरे जिले में है शोक की लहर 
Report by Nawada News Xpress

नवादा / सूरज कुमार

जम्मु कश्मीर के पुंछ में गुरूवार की शाम हुए आंतकी हमला में नवादा के लाल शहीद हो गए। भारत मां की सुरक्षा करते-करते जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के नारोमुरा ग्रामीण मौलेश्वर सिंह का पुत्र चंदन कुमार अपनी जान की आहूति दे दी। पुंछ के घने जंगल में छिपे आंतकियों ने सैन्य वाहन पर हमला कर दिया था,

जिसमें पांच जवान शहीद हो गए तथा दो जवान गंभीर रूप से जख्मी भी हुए। पांच शहीदों में वारिसलीगंज के चंदन भी शामिल है। शहीद सभी जवनों के हथियार भी आतंकी अपने साथ लेकर चला गया। इस घटना की जानकारी गुरूवार की रात्रि लगभग करीब 12.30 बजे शहीद चंदन के छोटे भाई अभिनंदन कुमार को दिया गया।

पहले तो उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मेरा भाई शहीद हो गया, लेकिन उसने वहां के वेबसाइट पर देखा तब मामला सत्य पाया गया, उसके बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया। रात्रि में ही गांव के लोग तथा चंदन के चहेते उनके घर पर पहुंच गए। जानकारी अनुसार बुधवार की रात्रि डेरा की घने जंगल में कुछ आंतकियों को देखे जाने की सूचना मिली थी। सूचना बाद सेना की आरआर बटालियन ने जंगल में तलाशी अभियान शुरू किया था।

तलाशी में लगे जवान गुरूवार को दोपहर बाद लगभग 3.45 बजे एक जिप्सी और ट्रक में सवार होकर डेरा की घनी गली बफ्लियाज मार्ग से गुजर रहे थे। इस दौरान टोपा पीर क्षेत्र में पूर्व से घात लगाए बैठे तीन-चार की संख्या में आंतकियों ने घने जंगल से निकलकर सेना के वाहनों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में सेना के पांच जवान मौके पर हो वीरगति को प्राप्त कर गए, जिसमें चंदन भी शामिल था।

एक मात्र कमाउ पुत्र की मौत के बाद परिवार पर टूटा पहाड़ वरिसलीगंज थाना क्षेत्र के नारोमुरार ग्रामीण कौलेश्वर सिंह का एक मात्र कमाउ पुत्र चंदन की मौत बाद परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा। शहीद चंदन के छोटे भाई अभिनंदन ने रोते-बिलखते हुए बताया कि उसी भाई के सहारे पूरे परिवार का भरण-पोषण हो रहा था। भाई के शहीद होने के बाद हमलोगों के सामने बहुत बड़ी मुसिबत आ गई है।

वृद्ध पिता और मां का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है। परिजन और ग्रामीण शहीद चंदन का पाार्थिक शरीर गांव आने का इंताजर कर रहे है।वर्ष 2021 में शहीद चंदन की हुई थी शादी
वर्ष 2027 में सेना में नौकरी लगने के बाद पिता मौलेश्वर सिंह व मां जयंती देवी वर्ष 2021 में चंदन की शादी लखीसराय जिले के शिल्पी कुमारी के साथ बड़े धुमधाम से हुई थी।

भाई के शहीद होने का तो गम है, लेकिन गर्व भी है
नरोमुरार ग्रामीण मैलेश्वर सिंह के बड़े बेटा और शहीद चंदन के बड़े भाई पियूष ने कहा कि भाई के शहीद होने का गम तो पूरे परिवार को जरूर है, लेकिन परिवार को इस बात का गर्व भी है कि चंदन भारत मां की रक्षा करते हुए अपनी जान की आहूति दे दे दिया।

26 वर्षीय चंदन आर्मी जवान में हुआ था बहाल
नरोमुरार ग्रामीण मौलेश्वर सिंह का 26 वर्षीय पुत्र चंदन कुमार आर्मी में वर्ष 2017 में बहाल हुआ था। वह करीब ढ़ाई साल से जम्मू में पोस्टेड था। चंदन गांव से ही पढ़ाई शुरू कर सेना में भर्ती हुए थे और 86 बटालियन इनफैंट्री में रायफल मैन के पद पर तैनात थे। गुरूवार को पुंछ में हुए आंतकि हमले में उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।

जिस जंगल में हमला हुआ वह था 12 किलोमीटर का
राजौरी जिले से आगे थन्नामंडी और उससे आगे डेरा की गली से जंगल क्षेत्र शुरू हो जाता है। डेरा की गली का आधा हिस्सा राजौरी जिले में पड़ता है और बफ्लियाज द्वोत्र से पुंछ जिला में आता है। डेरा की गली से बफ्लियाज तक लगभग 12 किलोमीटर घना जंगल है। आतकियों ने इसी हिस्से में टोपा पीर क्षेत्र में जवानों पर हमला किया।

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