उच्च अधिकारीयों से किया कार्रवाई की मांग
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
नवादा जिले में भ्रष्टाचार को दबाने और उस पर पर्दा डालने के लिए अधिकारियों द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जाते हैं। आखिर हथकंडे अपनाये क्यों नहीं जब हमाम में सभी नंगे हैं। जिसके विरुद्ध जांच की मांग की उसी को जांच पदाधिकारी बना मामले पर पर्दा डाल दिया गया।

ताजा मामला जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुरहेना का है, जहां मनरेगा योजना के तहत किए गए गबन 11,68,650 रुपये को छुपाने के लिए घोटाले में शामिल कनीय अभियंता, रोजगार सेवक एवं तकनीकी सहायक से ही प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रजौली द्वारा जांच कराकर घोटाला पर पर्दा डालकर गबनकारी का मनोबल ऊंचा किया गया है।

मामला वित्तीय वर्ष 2022- 23 का है। ग्राम भूपतपुर कजरी पाइन की सफाई पंचायत समिति द्वारा 5 जून 2023 से 30 मार्च 2023 तक 6,76,410 रुपये निकाल लिया गया है एवं बोर्ड भी नहीं लगाया गया है।

इस काम को ग्राम पंचायत मुरहेना द्वारा दो अलग-अलग योजना बनाकर सेम डेट में 4,92,240 फर्जी मजदूर के नाम पर निकालकर गबन किया गया है। पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत दोनों फंड से 11,68,640 निकाल लिया गया है,

इसकी शिकायत प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रजौली डीआरडीए के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नवादा को 27 अक्टूबर 2023 को किया गया था। प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रजौली ने

पत्रांक- 93, दिनांक- 14 नवंबर 2023 को अभियंता पंचायत रोजगार सेवक एवं तकनीकी सहायक को जांच का आदेश देते हुए जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया।

17 नवम्बर 2023 को प्रस्तुत किया फर्जी जांच रिपोर्ट
इन लोगों के द्वारा फर्जी जांच रिपोर्ट 17 नवंबर 2023 को प्रस्तुत किया गया। अब यहां सबसे बड़ी सवाल यह है कि जिन लोगों के द्वारा इतनी बड़ी गबन का कार्य किया गया,

जिनके द्वारा गबन किया गया है उन्हीं लोगों को जांच पदाधिकारी बनाकर प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रजौली द्वारा भेजा गया। इससे साफ जाहिर होता है कि घोटाले को सभी मिलकर किस तरह से लीपा पोती किया है।

उच्च अधिकारियों से किया जांच की मांग
उपलब्ध कराये गये जांच प्रतिवेदन के विरोध में जांच में संलग्न लोगों के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता बिंदा प्रसाद निराला के द्वारा निदेशक डीआरडीए नवादा, कार्यक्रम पदाधिकारी नवादा एवं सचिव ग्रामीण विकास विभाग पटना को प्रतिवेदन दिया गया है एवं अपने स्तर से स्थल जिओ ट्रैकिंग के आधार पर जांच करने का अनुरोध किया गया है।
