जायदाद में हिस्सा नहीं देने को ले चाची की हत्या कर उसकी मासूम बेटी को कर लिया था अगवा, फिर मासूम का शव लखीसराय से हुई बरामद
दादा के साथ बारात गये मृतका के मासूम पुत्र को भी मारने की थी योजना
चौबीस घंटे में पुलिस ने हत्या व अगवा मासूम की गुत्थी को सुलझाते हुए हत्यारे भतीजे को कर लिया गिरफ्तार
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
जाको राखे साईयां, मार सके ना कोय, वाली कहावत उस वक्त चरितार्थ हुआ, जब एक मासूम बालक की हत्या करने के लिए उसकी मां और बहन दोनों को मौत के घाट उतार दिया, लेकिन जिस बालक की हत्या करने की योजना बनाकर उसके घर पहुंचा हत्यारा को बालक नहीं मिला और फिर दो-दो हत्याएं करने के बाद भी मासूम बालक बच गया।

बताया जाता है कि जिस बालक की हत्या करने की योजना बनाकर हत्यारा उसके घर पहुंचा था, वह कोई और नहीं बल्कि उसके बड़े चाचा का बेटा था। संयोग वश वह बालक अपने दादा के साथ उसी रात शादी में बारात चला गया था। मंगलवार को इस पूरे मामले से पर्दा उठाते हुए एसपी अम्बरीष राहुल ने प्रेसवार्ता कर बताया कि सोमवार की रात्रि जिले के पकरीबरावां थाना क्षेत्र के कुढ़ेता गांव निवासी शंकर सिंह की 30 वर्षीय पत्नी किरण कुमारी की हत्या कर उसकी 6 वर्षीय मासूम पुत्री मानसी कुमारी को अगवा कर लिया गया।

जिसके बाद उस मासूम को पड़ोस के जिला लखीसराय के पिपरिया थाना क्षेत्र के मुरबरिया नदी में जिंदा फेंक दिया था, जिससे उस मासूम बच्ची की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मासूम बच्ची के सामने ही हत्यारा ज्योति ने उसकी मां की हत्या कर दिया था और उस मासूम को बहला-फुसला कर अपने साथ ले गया, इस घटना में प्रयुक्त बाइक को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। एसपी श्री राहुल ने बताया कि इसको गम्भीरता से लेते हुए पकरीबरावां एसडीपीओ महेश कुमार चौधरी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर मामले का उद्भेदन किया गया है।

उन्होंने बताया कि इस घटना को अंजाम देने वाला कोई दूसरा नहीं, बल्कि मृतका का जाउत ही निकला, जिसे गिरफ्तर कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार जाउत ज्योति सिंह को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है।
जायदाद को लेकर किया गया डबल मर्डर- एसपी श्री राहुल ने बताया कि मृतका का शंकर के साथ दूसरी शादी हुई थी तथा मृतका के पहले पति से रहे 8 वर्षीय पुत्र हर्ष व 6 वर्षीय पुत्री मानसी को अपने घर के जायदाद में हिस्सा नहीं देने की मंशा पालकर भैंसूर मंटू सिंह का पुत्र ज्योति सिंह ने इस घटना को अंजाम दिया।

एसपी ने बताया कि हत्यारा ज्योति सिंह अपनी चाची किरण व उसके दोनों बच्चों को एक साथ मौत के घाट उतारने की योजना थी, परंतु संयोग वश मृतका किरण का पुत्र अपने दादा के साथ बारात चला गया था, जिस वजह से वह बच गया। एसपी ने बताया कि इसके पूर्व हत्यारा ज्योति के परिजन की मौत कोरोना से हो गई थी, जिसमें कोरोना के दौरान सरकारी सहायाता राशि मिलने पर आधा हिस्सा देना पड़ा था।

इसी बात को लेकर गिरफ्तार ज्योति ने अन्य जायदाद में हिस्सा नहीं ले सके, इसको लेकर उसने डबल मर्डर जैसी संगिन अपराध की घटना को अंजाम देकर खुद अपराध की दलदल में जा फंसा। बता दें कि मृतका किरण के पति शंकर की पहली पत्नी से कोई संतान नहीं था और उसकी मौत भी हो चुकी थी, जिसके बाद शंकर की दूसरी शादी शेखपुरा जिला अंतर्गत बरबीघा थाना क्षेत्र के सिंडाय गांव निवासी रामाश्रय सिंह की पुत्री किरण के साथ दो वर्ष पूर्व हुई थी।

मृतका किरण को पहले पति से उक्त दोनों संतान थे। इन्हीं दोनों संतानों के कारण ज्योति को हत्यारा बनना पड़ा। एसपी ने बताया कि उक्त दोनों संतान को लेकर ज्योति को गांव में भी ताना सुनना पड़ रहा था, जिससे वह हमेशा अपने चाचा की पत्नी किरण व उसके दोनों संतानों को रास्ते से हटाने के लिए तनाव में रह रहा था।

उन्होंने बताया कि इस घटना को अंजाम देने के लिए ज्योति पिछले दस दिनों से इसके घर का रेकी कर रहा था, लेकिन वह अपनी मंशा में पूरी तरह सफल नहीं हो सका और सालाखों के पीछे चला गया। एसपी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पकरीबरावां एसडीपीओ महेश कुमार चौधरी, पकरीबरावां सर्किल इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार तथा थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर रविभूषण आदि मौजूद थे।

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