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क्यों 15 साल बाद भी मुम्बई आतंकी हमला 26/11 का नहीं गया टीस, अपनों से बिछड़ने का गम हर साल हो जाता है ताजा, पढ़ें पूरी खबर

मुम्बई विस्फोट में मारे गये लोगों के परिजनों ने कहा उस खौफनाक मंजर को याद कर आज भी सिहर जाती हैं रूह
बम ब्लास्ट में मरने वालों के परिजनों को नौकरी तो मिला पर मृतक के आश्रितों को नौकरी पाने वाले परिवार दे गया दगा
मुम्बई हमले में नवादा के आधा दर्जन लोगों की गयी थी जान

Report by Nawada News Xpress

नवादा / सूरज कुमार

मुम्बई बम ब्लास्ट 26/11 के आतंकी हमला की घटना को आज भले ही 15 साल हो गया है, पर उस घटना की टीस आज भी मृतक के परिजनों को हर साल ताजा कर रही है। मृतकों के परिजनों को आज भी उन जख्मों की टीस रह-रहकर बैचैन कर जाती है।

26 नवम्बर 2008 को मुंबई के ताज होटल सहित हुई सिरियल बम ब्लास्ट में रजौली क्षेत्र के छह लोगों की मौत हो गयी थी। मरने वालों में सिरदला थाना क्षेत्र के ढांव गांव निवासी साहिब अली के 50 वर्षीय पुत्र मो इलियास अंसारी व भतीजा सरफराज अंसारी, मुर्तजा अंसारी व शेरपुर गांव के आरिफ अंसारी, रजौली के मननपुर गांव निवासी बहनोई अब्बास अंसारी व उसकी पत्नी शकीला अंसारी शामिल थे।

मरने के बाद उनके परिजनों को सरकार ने मुआवजा के तौर पर 15-15 लाख रुपये तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के बाद आज भी आश्रितों का दुःख दर्द कम नहीं हुआ है। इलियास अंसारी की विधवा पत्नी शकीला खातून ने बताया कि पति के मरने के बाद देवर इस्माइल को सरकार ने रेलवे में नौकरी दी, पर देवर भी बेवफा निकला।

वह घर खर्च के नाम पर एक रुपये भी नहीं देता है। घर भी रख-रखाव के अभाव में बदतर स्थिति में हो गया है। जानकारी अनुसार शकीला खातून के ससुर मो शाहिद अली का देहांत लगभग तीन वर्ष पूर्व हो गया हैं। वहीं देवर इस्माइल ने शकीला खातून की सास जुबैदा खातून का बोझ उठाया है।

उसने कहा कि सरकार द्वारा दी गयी राशि से दो बेटियों की उसने शादी भी कर दी है और ईंट के दो कमरे बनाये हैं, साथ ही बच्चों की पढ़ाई-लिखाई करवाया हैं। सरकारी योजना के नाम पर बस राशन मिलता है, पर अब भी 14 वर्षीय गूंगा बेटा फैजान अंसारी सहित 24 वर्षीय बेटा आयुब अंसारी तथा 21 वर्षीय बेटा क्यूम अंसारी सहित तीन बेटों की जिम्मेदारी उसके कंधों पर है।

भले ही एक बड़े बेटे आयुब अंसारी प्राइवेट काम सीखने के लिए बाहर निकल गया है। इलियास की बेगम शकीला खातून आज भी टूटे-फूटे घरों में रह रही है। वहीं मननपुर निवासी बहनोई अब्बास अंसारी मुंबई में रहकर आज भी टैक्सी चलाता है। शेरपुर निवासी आरिफ अंसारी मुंबई के एक बैग बनाने के कारखाना में काम करता है। इस मामले में एक आरोपित अजमल कसाब को अदालत ने फांसी दे दी है।

सिरदला प्रखंड के ढांव गांव निवासी मो साहिद अली की पत्नी जुबैदा खातून को अपने अजीज को खो देने का गम है। पोते मुर्तजा, बेटा व बेटी शकीला खातून, दामाद मो आरिफ और तीन नातिन आतंकियों के शिकार हुए थे। शाहिद अली, पत्नी जुबेदा खातून व बहू शकीला खातून की पूरी जिदंगी बोझ बनी है। आतंकी घटना में शकीला अंसारी, मो अब्बास तथा मो आरिफ मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के प्लेटफार्म नंबर दो पर आतंकवादियों के गोली के शिकार हो गये थे।

क्या कहते हैं मुखिया- खनपुरा पंचायत के मुखिया सुमन ज्योति ने बताया कि मुंबई बम ब्लास्ट के पीड़ित परिवार का नाम पिछले साल मुख्यमंत्री आवास योजना में जुटा है, जल्द ही पीड़ित परिवार को आवास योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है।

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