अररिया एसपी अशोक सिंह कांड में हैं गवाह, घटना के समय रजौली के थे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
नवादा जिला अंतर्गत रजौली के तत्कालिन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी व वर्तमान में अररिया एसपी के पद पर कार्यरत अशोक कुमार सिंह शनिवार को नवादा व्यवहार न्यायालय पहुंचे, जहां एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायायिक दंडाधिकारी धीरेन्द्र कुमार पांडेय की अदालत में अपना ब्यान दर्ज कराया है।

गवाही के समय पूर्व विधान पार्षद सलमान रागीव भी अदालत में उपस्थित थे। बालू राजस्व घोटाला से सम्बंधित नगर थाना कांड संख्या-208/06 एवं 209/06 में उन्होंने गवाही दी। गौरतलब हो कि दोनों कांड के सरकारी गवाहों की गवाही के लिए कांड वर्षों से लम्बित चला आ रहा है।

अदालत के द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद भी सरकारी गवाह अपनी गवाही देने अदालत में उपस्थित नहीं हुए थे, तब अदालत ने बालू राजस्व घोटाला कांड के सरकारी गवाहों के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। इस आदेश की जानकारी प्राप्त होते ही अररिया के एसपी अशोक कुमार सिंह ने नवादा पहुंचकर अदालत में अपना ब्यान दर्ज कराया।

बताया जाता है कि वर्ष 2004 एवं 2005 में हुए बालू घाट निलामी में जाली चलान के द्वारा सरकारी राजस्व का भुगतान दिखाया गया था। इस सम्बंधित विभाग को जानकारी होते ही नगर थाना में कांड दर्ज किया गया था। बता दें कि अदालत ने कांड के सरकारी गवाह तत्कालीन आकड़ा बैंक, विकास भवन पटना के उपनिदेशक जय प्रकाश सिंह,

रजौली के अनुमंडल पदाधिकारी व वर्तमान में अररिया के एसपी अशोक सिंह, नवादा के भूमि सुधार उपसमाहर्ता रामजी पांडेय, नगर थानाध्यक्ष राम निहोरा ठाकुर, बुन्देलखंड थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, नगर थाना के ब्रजेश कुमार मिश्र, नालन्दा जिला के अस्थावां थाना क्षेत्र के मालती गांव निवासी व्यास पासवान तथा

पटना जिला अंतर्गत पालीगंज थाना क्षेत्र कोजरा गांव निवासी श्याम नारायण सिंह के सरकारी वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। भुगतान रोकने की जिम्मेवारी नवादा के जिला पदाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को दी है।

इस सम्बंध में अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी ने बताया कि गवाहोें के उपस्थिति के लिये अभियोजन कार्यालय के द्वारा कई बार नोटिस भेजा जा चुका है। ज्ञात हो कि इस कांड में नवादा के पूर्व विधायक कौशल यादव व पूर्व विधान पार्षद सलमान रागीव सहित अन्य कई लोग अभियुक्त हैं।

बताया जाता है कि वर्ष 2004 एवं 2005 में हुए बालू घाट निलामी के सम्बंध में 20-20 लाख का दो चलान एवं 28 लाख का एक चलान जाली पाया गया था।

